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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में एक के बाद एक फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं। एमबीबीएस और बीएएमएस की कॉपियां बदलने के मामले के बाद अब बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) की परीक्षा की कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन कराने के मामले की जांच भी एसटीएफ ने शुरू कर दी है। आरोप है कि कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन गलत तरीके से कराया और फेल छात्रों को पास कर दिया गया।
बीएचएमएस की मुख्य परीक्षा में 90 फीसदी से अधिक छात्र फेल थे। इस पर तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रो. विनय पाठक ने इन छात्रों की कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन करा दिया, जबकि विश्वविद्यालय में चुनौती मूल्यांकन का ही प्रावधान है। इस मामले में एसटीएफ को शिकायत मिली कि निजी मेडिकल कॉलेजों से सांठगांठ कर नियम के विरुद्ध दोबारा मूल्यांकन कराते हुए सभी फेल छात्रों को पास करा दिया। इस निर्णय को अधूरी जानकारी के साथ परीक्षा समिति की बैठक में अनुमोदन के लिए भी रखा गया था, लेकिन सदस्यों ने इसका अनुमोदन नहीं किया था। शिकायत के बाद एसटीएफ ने होम्योपैथिक कॉलेजों और मुख्य परीक्षा में शामिल हुए छात्रों की संख्या और इनकी मूल कॉपियों का रिकॉर्ड विश्वविद्यालय प्रशासन से मांगा है।
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हो सकती है कॉपियों की जांच
बीएचएमएस की मुख्य परीक्षा की कॉपियां जब्त होने के बाद एसटीएफ इनकी नमूने के तौर पर जांच करा सकती है। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सा शिक्षकों की मदद ली जाएगी। लखनऊ से लौटने के बाद एसटीएफ इस मामले में भी विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों से फिर से पूछताछ करेगी।
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