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कुलपति प्रो. विनय पाठक
– फोटो : amar ujala
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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति रहे प्रो. विनय पाठक के सगे संबंधियों और खासमखास लोगों पर भी एसटीएफ की नजर है। लखनऊ में छह दिन डेरा डालने के बाद एसटीएफ की टीम आगरा लौट आई है। एसटीएफ अब डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति रहे प्रो. विनय पाठक के परिजन के बैंक खातों का पता कर रही है। बैंक अधिकारियों से जानकारी जुटाई जा रही है।
आगरा की एसटीएफ ने प्रो. पाठक के कमीशन और भ्रष्टाचार की जांच में जुटाए रिकॉर्ड लेकर लखनऊ में डेरा डाला था। वहां अधिकारियों ने प्रो. पाठक के जनवरी से अक्तूबर तक के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों पर चर्चा की। जुटाए हुए साक्ष्यों के बारे में भी जानकारी की है। अब पुलिस के बड़े अधिकारियों ने एसटीएफ को प्रो. पाठक के परिजन के बैंक खातों का पता लगाने के लिए कहा है। सूची दी है, जिसमें नाम, पता और इनसे रिश्ते का जिक्र है। इस सूची में प्रो. पाठक का बेटा, भतीजे समेत अन्य परिजन के अलावा खासमखास लोगों के नाम हैं। आगरा आने पर एसटीएफ ने परिजन के खातों का पता लगाना शुरू कर दिया है। बैंक के बड़े अधिकारियों को परिजन का नाम, पता देकर जानकारी जुटाई जा रही है।
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तीन वर्ग में चल रही एसटीएफ की जांच
एसटीएफ की टीम डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में तीन वर्ग में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की जांच कर रही है। एसटीएफ की इस सूची में विश्वविद्यालय में प्रो. विनय पाठक के पांच खासमखास लोगों के भी नाम हैं। एसटीएफ की इस ‘ए’ सूची में 3 प्रोफेसर, 2 कर्मचारी हैं। एसटीएफ अभी इस सूची में शामिल लोगों के खिलाफ ही और साक्ष्य जुटा रही है। इनके बाद ‘बी’ और ‘सी’ सूची में शामिल स्टाफ की सघन जांच होगी।
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