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एसटीएफ
– फोटो : अमर उजाला
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनय पाठक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद एसटीएफ ने और तेजी पकड़ी है। पूर्व में विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में बीएड के अंकपत्र, नकल कराने, प्रवेश और नियुक्तियों में फर्जीवाड़े की शिकायतें मिल चुकी हैं। एसटीएफ दागी कॉलेजों पर शिकंजा कसने के लिए उनकी सूची तैयार कर रही है।
बीएड सत्र 2004-05 के प्रवेश परीक्षा में 84 कॉलेज शामिल हुए थे। वर्ष 2006 में विश्वविद्यालय ने परिणाम जारी किया था। इसमें फर्जीवाड़े की शिकायत थी। वर्ष 2013 में एसआईटी ने जांच की। 2017 में एसआईटी ने विश्वविद्यालय को फर्जी, टेंपर्ड और डुप्लीकेट प्रमाणपत्रों की सूची सौंपी। वर्ष 2020 में विश्वविद्यालय ने 2823 अभ्यर्थियों को फर्जी घोषित किया। 4766 अभ्यर्थियों के रोल नंबर एसआईटी की सूची में थे। 3637 अभ्यर्थी फर्जी प्रमाणपत्रों की सूची में थे, जबकि 1084 टेंपर्ड श्रेणी और 45 अभ्यर्थियों के रोल नंबर डुप्लीकेट श्रेणी में थे। इस मामले के उजागर होने से कॉलेजों पर दाग लगा था। इसी तरह कई कॉलेजों में नकल की शिकायतें मिलती रहीं। मानकों की अनदेखी कर मान्यता लेने वाले कॉलेज भी एसटीएफ के निशाने पर हैं। सूची तैयार करने के बाद साक्ष्य जुटाकर कार्रवाई होगी।
अछनेरा के कॉलेज में इंटर पास था प्राचार्य
मई में आगरा कॉलेज के द्वितीय पाली की परीक्षा में बीएससी तृतीय वर्ष, जंतु विज्ञान द्वितीय और गणित द्वितीय का प्रश्नपत्र परीक्षार्थियों के मोबाइल पर पहुंचा था। 15 मई को रसायन विज्ञान का प्रथम प्रश्नपत्र छात्रा के मोबाइल में मिला था। पुलिस की जांच में पता चला कि अछनेरा स्थित हरिचरण लाल महाविद्यालय के प्रधानाचार्य अनेक सिंह ने प्रश्नपत्र आउट किया था। वह केवल इंटर पास था। प्रबंध समिति के कहने पर पेपर लीक करता था। कॉलेज को मान्यता मानकों की अनदेखी करके दी गई थी।
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अपनों से बनाई दूरी, फोन उठाने बंद
एसटीएफ की जांच का दायरा बढ़ने से अपने काम से काम रखने वाले भी जांच के फंदे में आने से डर रहे हैं। कई कर्मचारी और अधिकारियों ने तो परिचितों से भी दूरी बना ली है। फोन तक नहीं उठा रहे हैं। उन्हें डर है कि एसटीएफ आरोपी नहीं तो साक्ष्य जुटाने में उनको कहीं गवाह नहीं बना दे। ऐसे में रोजाना ड्यूटी पर तो आ रहे हैं, लेकिन किसी से संपर्क करने से घबरा रहे हैं।
छह कॉलेज संचालक एसटीएफ से कर रहे संपर्क
कुलपति प्रकरण के बाद एसटीएफ के संपर्क में 6 कॉलेजों के संचालक हैं। मान्यता देने से लेकर केंद्र निर्धारण और निर्माण में घपले की शिकायत कर रहे हैं। कुछ तो लिखित शिकायत दर्ज करा रहे हैं। ऐसे में एसटीएफ भी कॉलेजों की गोपनीय जांच में लगी है। साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। आरोप सही निकले तो लपेटे में कई ओर लोग आ जाएंगे।
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