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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की बीएएमएस की कॉपियां बदलने के लिए दो कारों में शिक्षा माफिया आए थे। इसमें से एक कार सफेद और दूसरी कार नीले रंग की थी। एसटीएफ को ये जानकारी मिली है। विश्वविद्यालय की टीम ने 27 अगस्त को बीच रास्ते में बीएएमएस की कॉपियां बदलने का खेल पकड़ा था।
बीएएमएस की कॉपियां बदलने के इस खेल में विश्वविद्यालय का संविदाकर्मी देवेंद्र और दिल्ली के डॉ. अतुल यादव गिरफ्तार भी हो चुके हैं। मामले की जांच कर रही एसटीएफ को ये जानकारी मिली है कि 27 अगस्त को दो कारों से शिक्षा माफिया कापियां बदलने के लिए आए थे। इसमें एक कार सफेद और दूसरी का रंग नीला है।
प्रभारी कुलपति प्रो. विनय पाठक ने बताया कि बीएएमएस की कॉपियां बदलने की सूचना फोन पर मिलने के बाद विश्वविद्यालय की टीम को जांच के लिए भेजा था। विश्वविद्यालय का संविदाकर्मी देवेंद्र कापियां लेकर आगरा कॉलेज की पास की गली मोती कटरा में मुड़ गया। आगे सफेद रंग की कार खड़ी थी। ऑटो में सवार देवेंद्र को पकड़ते ही कार लेकर लोग भाग गए। बाद में एसटीएफ की जांच में ये सामने आया कि एक नीले रंग की कार और थी, जो दूसरी गली में खड़ी थी। देवेंद्र के पकड़े जाने के बाद वे भी कार लेकर भाग निकलेे थे।
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