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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत मरम्मत और सौंदर्यीकरण के लिए मिले 4.5 करोड़ रुपये का बंदरबांट कर लिया गया। मरम्मत और सौंदर्यीकरण के नाम पर मनमाने बिल लगाए। धरातल पर कार्य की खानापूर्ति मिली। विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की जांच कर रही एसटीएफ ने खेल पकड़ा है।
रूसा के तहत विभिन्न मद में विश्वविद्यालय को बजट मिला। ये बजट शौचालय, शिक्षकों की कक्षाएं, सीढ़ियां बनवाने, लैब की मरम्मत करने, परिसर में सौंदर्यीकरण करने के लिए तय था। हर मद के लिए अलग बजट था। मरम्मत और सौंदर्यीकरण के कार्य में खानापूर्ति की गई। सभी विभागों में मानक के अनुसार कार्य नहीं हुए। कार्यों को पूरा कार्य दर्शाते हुए बिल लगाए और बीते साल बजट भी ले लिया। इस मामले की शिकायत के बाद एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है। इसके बजट के बिल और बैलेंस शीट के आधार पर इसमें किस कंपनी से सामान खरीदा, क्या-क्या आया। किससे मरम्मत करवाई, कौन इंजीनियर रहे। इन सभी की डेटा रूसा प्रभारी से तलब किया है।
इन मद में मिला बजट
विभाग बजट
पार्किंग 60 लाख रुपये
गृहविज्ञान संस्थान की लैब 30 लाख रुपये
शौचालय 30 लाख रुपये
शिक्षकों के कक्ष 20 लाख रुपये
विज्ञान व कंप्यूटर लैब 50 लाख रुपये
गणित विभाग की सीढ़ियां 50 लाख रुपये
बिजली कार्य 20 लाख रुपये
कम्युनिटी रेडियो स्टेशन 10 लाख रुपये
महिला-पुरुष हॉस्टल 50 लाख रुपये
एसी 40 लाख रुपये
पालीवाल पार्क ऑफिस वर्क 35 लाख रुपये
गृह विज्ञान का पुराना भवन 15 लाख रुपये
लाइट एंड साउंड सिस्टम 15 लाख रुपये
इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंस 05 लाख रुपये
एकेडमिक हॉल 25 लाख रुपये
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