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हाल ही में पुलिस ने विश्वविद्यालय के कर्मचारी सहित चार को पकड़ा था। इनमें शिवकुमार, उमेश, भीकम और शैलेंद्र उर्फ शैलू शामिल हैं। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, अब कालेजों की संबद्धता की भी जांच की जा रही है। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से पांच साल का रिकॉर्ड मांगा गया है।
इसमें जांच की जाएगी कि कालेजों को संबद्धता किस आधार पर दी गई? सत्यापन किया गया या नहीं? कालेजों के भवन, शिक्षक और कर्मचारी मानक के अनुसार हैं भी या नहीं? इसके लिए एक टीम को लगाया है।
बता दें 11 मई को आगरा कालेज में परीक्षा देने आए छात्रों के व्हाट्स एप पर रसायन विज्ञान का पेपर आया था। मामले में थाना लोहामंडी में मुकदमा लिखा गया था। यह अछनेरा स्थित हरिचरण लाल महाविद्यालय से वायरल किया गया था।
पुलिस ने कालेज के प्राचार्य अनेक सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। प्राचार्य इंटरमीडिएट पास था। इस मामले से ही कालेजों की संबद्धता पर सवाल उठ रहे थे।
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