Monday, January 6, 2025
Home Agra Stf Arrested Five Members Who Cheated In The Name Of Getting Loans At Cheap Interest Rate In Agra – Agra: सस्ती ब्याज दर पर लोन का झांसा, गूगल पर विज्ञापन, इस तरह ठग रहे थे एसटीएफ के हत्थे चढ़े ये पांच शातिर

Stf Arrested Five Members Who Cheated In The Name Of Getting Loans At Cheap Interest Rate In Agra – Agra: सस्ती ब्याज दर पर लोन का झांसा, गूगल पर विज्ञापन, इस तरह ठग रहे थे एसटीएफ के हत्थे चढ़े ये पांच शातिर

by amitsagar
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– फोटो : फाइल फोटो

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सस्ती ब्याज दर पर लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के पांच सदस्यों को शुक्रवार को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। वह गूगल पर विज्ञापन देते थे। मोबाइल पर काल करने वाले से फाइल चार्ज, बीमा जीएसटी के नाम पर रकम अपने खाते में जमा कराकर सिम बंद कर लेते थे। दो साल में एक हजार से अधिक से लाखों की रकम हड़प कर चुके हैं।

एसटीएफ के एसपी राकेश कुमार के मुताबिक, अलीगढ़ निवासी शिव कुमार, विक्रम, रोहित कुमार, गाजियाबाद निवसी अश्वनी सिंह और आवास विकास निवासी मनीष को गिरफ्तार किया है। उनसे लैपटॉप, 27 मोबाइल, 45 चालू सिम, तीन आधार कार्ड, दो पेन कार्ड, 31 डेबिट कार्ड, पेटीएम कार्ड, एक पेन ड्राइव, आठ नोटबुक रजिस्टर, 52 वर्क, 28700 रुपये आदि बरामद किए हैं। आगरा में पहले लोन के नाम पर ठगी करने वाला गैंग पकड़ा जा चुका है।

गूगल पर विज्ञापन, फ्लैट में ऑफिस

एसटीएफ के मुताबिक, आरोपियों ने आवास विकास कालोनी के सेक्टर चार स्थित फ्लैट में अपना कार्यालय बनाया था। इसके लिए आरोपी शिव कुमार ने 12 हजार रुपये प्रतिमाह पर फ्लैट किराये पर लिया था। शुक्रवार को सुबह टीम ने छापा मारा। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह गूगल विज्ञप्ति के माध्यम से मोबाइल नंबर देते हैं। इसमें सस्ती ब्याज दर पर बिना कागजी कार्रवाई के लोन दिलाने का दावा किया जाता है। गूगल से मोबाइल नंबर लेकर विभिन्न राज्य के लोग उन्हें काल करते थे। वह लोन पास कराने के लिए फाइल चार्ज, बीमा, जीएसटी, डिलीवरी के नाम पर रुपयों की मांग करते थे। जब ग्राहक रुपये दे देता था तो सिम बंद कर लेते थे। इसके बाद दूसरे सिम का इस्तेमाल करते थे। 

फाइल चार्ज और जीएसटी के नाम पर लेते थे रकम

आरोपी कोरोना काल से यह काम कर रहे है। आरोपियों को खाता संख्या और सिम कार्ड अलीगढ़ का दुष्यंत प्रताप सिंह उपलब्ध कराता था। वह बजाज फिनसर्व के नाम से कूटरचित दस्तावेज भी तैयार कर लेते हैं। लोगों को झांसे में लेने के लिए लोन एप्रूवल पत्र भी तैयार करते हैं।अब तक 800 से एक हजार लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं। मामले में थाना जगदीशपुरा में धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, आईटी एक्ट सहित अन्य में मुकदमा दर्ज किया है।

इन बातों का रखें ध्यान 

पुलिस के मुताबिक, लोगों को लोन के लिए आवेदन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। गूगल और सोशल मीडिया पर दिखने वाले लोन के विज्ञापन के झांसे में नहीं आएं। अगर, कोई फोन पर लोन पास होने के नाम पर रकम की मांग करता है तो समझ जाएं, ठगी होेने वाली है। लोन कंपनी के आफिस में जाकर ही लेना चाहिए।

विस्तार

सस्ती ब्याज दर पर लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के पांच सदस्यों को शुक्रवार को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। वह गूगल पर विज्ञापन देते थे। मोबाइल पर काल करने वाले से फाइल चार्ज, बीमा जीएसटी के नाम पर रकम अपने खाते में जमा कराकर सिम बंद कर लेते थे। दो साल में एक हजार से अधिक से लाखों की रकम हड़प कर चुके हैं।

एसटीएफ के एसपी राकेश कुमार के मुताबिक, अलीगढ़ निवासी शिव कुमार, विक्रम, रोहित कुमार, गाजियाबाद निवसी अश्वनी सिंह और आवास विकास निवासी मनीष को गिरफ्तार किया है। उनसे लैपटॉप, 27 मोबाइल, 45 चालू सिम, तीन आधार कार्ड, दो पेन कार्ड, 31 डेबिट कार्ड, पेटीएम कार्ड, एक पेन ड्राइव, आठ नोटबुक रजिस्टर, 52 वर्क, 28700 रुपये आदि बरामद किए हैं। आगरा में पहले लोन के नाम पर ठगी करने वाला गैंग पकड़ा जा चुका है।

गूगल पर विज्ञापन, फ्लैट में ऑफिस

एसटीएफ के मुताबिक, आरोपियों ने आवास विकास कालोनी के सेक्टर चार स्थित फ्लैट में अपना कार्यालय बनाया था। इसके लिए आरोपी शिव कुमार ने 12 हजार रुपये प्रतिमाह पर फ्लैट किराये पर लिया था। शुक्रवार को सुबह टीम ने छापा मारा। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह गूगल विज्ञप्ति के माध्यम से मोबाइल नंबर देते हैं। इसमें सस्ती ब्याज दर पर बिना कागजी कार्रवाई के लोन दिलाने का दावा किया जाता है। गूगल से मोबाइल नंबर लेकर विभिन्न राज्य के लोग उन्हें काल करते थे। वह लोन पास कराने के लिए फाइल चार्ज, बीमा, जीएसटी, डिलीवरी के नाम पर रुपयों की मांग करते थे। जब ग्राहक रुपये दे देता था तो सिम बंद कर लेते थे। इसके बाद दूसरे सिम का इस्तेमाल करते थे। 

फाइल चार्ज और जीएसटी के नाम पर लेते थे रकम

आरोपी कोरोना काल से यह काम कर रहे है। आरोपियों को खाता संख्या और सिम कार्ड अलीगढ़ का दुष्यंत प्रताप सिंह उपलब्ध कराता था। वह बजाज फिनसर्व के नाम से कूटरचित दस्तावेज भी तैयार कर लेते हैं। लोगों को झांसे में लेने के लिए लोन एप्रूवल पत्र भी तैयार करते हैं।अब तक 800 से एक हजार लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं। मामले में थाना जगदीशपुरा में धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, आईटी एक्ट सहित अन्य में मुकदमा दर्ज किया है।

इन बातों का रखें ध्यान 

पुलिस के मुताबिक, लोगों को लोन के लिए आवेदन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। गूगल और सोशल मीडिया पर दिखने वाले लोन के विज्ञापन के झांसे में नहीं आएं। अगर, कोई फोन पर लोन पास होने के नाम पर रकम की मांग करता है तो समझ जाएं, ठगी होेने वाली है। लोन कंपनी के आफिस में जाकर ही लेना चाहिए।



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