[ad_1]
धमकी कॉल।
– फोटो : प्रतीकात्मक
ख़बर सुनें
विस्तार
मथुरा में नए बस स्टैंड की ओर रेलवे की ओर से कैंटीन खोले जाने के निर्णय के बाद माफिया ने व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से जंक्शन निदेशक को धमकी दी है। इसके बाद निदेशक ने कैंटीन का काम रुकवा दिया गया है। पीड़ित ने इस संबंध में विभागीय व पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी है।
कई वर्षों से रेलवे ने नए बस स्टैंड की तरफ के द्वार पर यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे कैंटीन का ठेका पास किया। ठेके के बाद ठेकेदार ने कैंटीन बनाने का काम भी शुरू करा दिया। इसे कुछ लोगों के रुकवाने के प्रयास करने लगे। पहले तो रेलवे के ट्विटर एकाउंट पर एक पोस्ट डाली गई, जिसमें कैंटीन को रेलवे नियमावली के खिलाफ बताया गया। बाद में जंक्शन निदेशक एसके श्रीवास्तव के व्हाट्स एप नंबर पर वीडियो पोस्ट की गई, जिसे देखने से पहले ही डिलीट कर दिया गया। एक मैसेज भी किया गया।
इसमें वीडियो पोस्ट करने वाले ने कई बातों के साथ यह भी लिखा है कि उसकी मौत के जिम्मेदार जंक्शन डायरेक्टर होंगे। इसके बाद डायरेक्टर ने आनन-फानन में पहले तो कैंटीन का काम रुकवा दिया। बाद में जिस व्यक्ति ने पोस्ट डाली और व्हाट्सएप मैसेज किया उसकी छानबीन की गई। पूरे मामले की जानकारी सीओ सिटी अभिषेक तिवारी को भी दी गई। जंक्शन निदेशक एसके श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें धमकी मिली है। धमकाने वाले ने कैंटीन निर्माण न करने की धमकी दी है। इसकी जानकारी उन्होंने विभागीय उच्चाधिकारियों और सीओ सिटी को दे दी है। कैंटीन रेलवे नियमावली का पालन करते हुए रेलवे की जमीन पर ही तैयार की जा रही है।
ये भी पढ़ें – Mathura: लोगों को वीडियो कॉल कर बनाते थे अश्लील वीडियो, फिर चलता था ब्लैकमेलिंग का खेल, चार आरोपी गिरफ्तार
रेलवे की जमीन से हो रही थी अभी तक मोटी कमाई
रेलवे स्टेशन के दूसरे और तीसरे प्रवेश द्वार पर ढेल-ढकेल लगवाकर उगाही करने वाला एक बड़ा गिरोह सक्रिय है। गिरोह न केवल इन स्थानों पर ढेल-ढकेल लगवाकर मोटी कमाई करता है। इसके अतिरिक्त यहां अन्य कार्य भी होते हैं। रेलवे ने जब दूसरे प्रवेश द्वार पर कैंटीन खोले जाने के निर्णय लिया तो गिरोह परेशान हो उठा। चर्चा तो यहां तक है कि इसे जीआरपी व आरपीएफ कर्मियों की भी मौन स्वीकृति है।
अवैध टैक्सी स्टैंड भी चलता
खाली पड़ी रेलवे की जमीन पर अवैध टैक्सी और प्राइवेट बस स्टैंड भी संचालित किया जाता है। यहां प्राइवेट वाहनों में सवारी भरी और उतारी जाती हैं। रेलवे की कैंटीन बनने से स्टैंड से कमाई करने वाले भी परेशान हैं।
[ad_2]
Source link