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जिसके बाद डीएम प्रभु एन सिंह ने अब सहायक महानिरीक्षक निबंधन को 100 रुपये के स्टांप पर हुए सभी मामलों में स्टांप एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज के आदेश दिए हैं। सभी कब्जा हस्तांतरण, एग्रीमेंट व पावर ऑफ अटार्नी की जांच होगी। जो बिल्डर इसमें सहयोग नहीं करेगा उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए डीएम ने रिपोर्ट मांगी है। साथ ही एडीए सचिव, यूपीएसआईडीसी क्षेत्रीय प्रबंधक व अधीक्षण अभियंता आवास विकास को इसमें सहयोग के निर्देश दिए हैं।
रजिस्ट्री दफ्तर में 35 से अधिक निजी कर्मी
सदर तहसील स्थित रजिस्ट्री दफ्तर में 35 से अधिक प्राइवेट कर्मचारी हैं। जो सब रजिस्ट्रार व अधिकारियों के कारखास हैं। प्राइवेट कर्मियों पर अवैध वसूली के अक्सर आरोप लगते रहते हैं। रजिस्ट्री दफ्तर में पूर्व में कई सब रजिस्ट्रार, बाबू व प्राइवेट कर्मी रिश्वत लेते भी कैमरे में कैद हो चुके हैं, परंतु इनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं होती।
बिल्डरों से मिले हुए हैं सब रजिस्ट्रार
सब रजिस्ट्रार बिल्डरों से मिले हुए हैं। दलालों से उनकी सांठगांठ है। बिना सब रजिस्ट्रार की मिलीभगत के बैनामों व रजिस्ट्री में स्टांप चोरी संभव नहीं है। स्टांप चोरी का पैसा अधिकारियों में बंटता होगा। यदि उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो अरबों का स्टांप का घोटाला सामने आएगा। – लाल बहादुर राजपूत, अध्यक्ष, सदर तहसील बार एसोसिएशन
दर्ज कराएं जा रहे हैं मुकदमे
संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में स्टांप चोरी करने वालों के विरुद्ध जिलाधिकारी के आदेश पर मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। 100 रुपये के स्टांप पर कब्जा हस्तांतरण हुए हैं। कार्रवाई के लिए एग्रीमेंट व अन्य दस्तावेज एकत्र कराए जा रहे हैं। – यशवर्धन श्रीवास्तव, एडीएम वित्त एवं राजस्व
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