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शहर की सड़कों पर लगभग 12 हजार ऑटो रिक्शा रात-दिन दौड़ते हैं. इनमें पांच हजार ऑटो रिक्शा ऐसे हैं, इनका परिवहन विभाग और ना पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड है. किसके ऑटो रिक्शा और इन्हें कौन चला रहा, किसी को नहीं पता. इससे सवारियों के साथ वारदात की संभावना बढ़ जाती है. घटना के बाद पुलिस के लिए ये एक बड़ी चुनौती बन जाती है कि ऑटो किसके नाम है और उसको कौन चला रहा था. इस संबंध में रविवार को शहर के ऑटो स्टैंड पर ऑटो चालकों से बात कर हकीकत सामने आई. इसमें किराए पर ऑटो चलाने वालों की संख्या अधिक थी. पुलिस के पास ऐसे चालकों का कोई रिकॉर्ड नहीं है.
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