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29एमएनपी-09-पुलिस हिरासत में साइबर सेल द्वारा पकड़े गए एटीएम से धोखाधड़ी करने वाले आरोपी
– फोटो : MAINPURI
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मैनपुरी। साइबर सेल ने एटीएम से रुपये निकालने गए उपभोक्ताओं से ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग का भंडाफोड़ किया है। साइबर सेल पुलिस ने छह सदस्यों की गिरफ्तारी की है। उनके कब्जे से कई सिम, एटीएम कार्ड, नकदी आदि बरामद हुए हैं। एक अन्य साथी की तलाश की जा रही है।
एटीएम से कैश निकालते समय अगर आपका कार्ड फंस जाता है तो सावधान हो जाइए। यह कोई तकनीकी कमी नहीं है बल्कि इस गैंग की एक सोची समझी साजिश है। मंगलवार को पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी कमलेश दीक्षित ने बताया कि कुछ शिकायतें मिल रहीं थीं, जिसमें एटीएम में कार्ड फंसने के बाद संबंधितों के खाता से रुपये निकाले जा रहा थे। इसके खुलासे के लिए साइबर सेल प्रभारी राजेश कुमार और उनकी टीम के एक्सपर्ट सरयू कुमार, विजय सिंह, गौरव कुमार, महीपाल सिंह, जोगेंद्र चौधरी, मनोज कुमार के अलावा चौकी इंचार्ज सिविल लाइन आदित्य खोखर, अरविंद कुमार को लगाया गया था। टीम ने अंतरराज्यीय गैंग के छह सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पकड़े गए शातिरों के कब्जे से 48 एटीएम कार्ड, दो तमंचा, 65 सिम, छह मोबाइल, एक कार, 75 हजार की नकदी व अन्य सामान बरामद हुआ। इनके नाम सुमित कुमार निवासी चोटपुर कालोनी नोएडा स्थाई पता बिहार, गजेंद्र सिंह निवासी गांव तौली थाना अनूप शहर बुलंदशहर, मोहम्मद जाहिद निवासी अमाड़ी कुकरन थाना धमिधा पूर्णिया बिहार, गौरव निवासी पुरा हाथरस थाना सिकंदराराऊ हाथरस, लोकेश सिंह निवासी गोकुलपुर थाना निधौली जनपद एटा और मोहम्मद मंटू निवासी चोटपुर नोएडा स्थाई निवासी बिहार बताया। यह लोग एटीएम के आसपास सक्रिय रह कर भोले-भाले लोगों के कार्ड मशीन में फंसाकर खाते से नकदी निकालते थे। इनके एक साथी की तलाश की जा रही है, जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कैसे बनाते थे उपभोक्ता को शिकार
एसपी कमलेश दीक्षित ने बताया कि शातिर बड़े ही प्रोफेशनल ढंग से घटना को अंजाम देते थे। यह भोले-भाले लोगों पर नजर रखते थे। एक व्यक्ति एटीएम में मौजूद रह कर कार्ड में फैवी-क्विक लगा देता था, जिस वजह से कार्ड मशीन के अंदर चिपक जाता था, बाहर न आने पर पास खड़ा व्यक्ति उसे बाहर लगे फर्जी सहायता नंबर पर कॉल करने की सलाह देता था, जब उपभोक्ता उक्त नंबर पर बात करता था, तो उनका एक साथी बात करते हुए कार्ड संबंधी गोपनीय जानकारी हासिल कर लेता था। टेक्निकल टीम के कुछ देर में आने की बात कह कर उपभोक्ता को वहां से भेज देता था, इसके बाद एक सर्जिकल ब्लेड की मदद से कार्ड को बाहर निकालने के बाद अन्य किसी एटीएम से खाते से रुपया निकाल लेते थे। हाल ही में गोपाल नगर के रहने वाले दो लोग इस गैंग का शिकार बन चुके थे।
मैनपुरी। साइबर सेल ने एटीएम से रुपये निकालने गए उपभोक्ताओं से ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग का भंडाफोड़ किया है। साइबर सेल पुलिस ने छह सदस्यों की गिरफ्तारी की है। उनके कब्जे से कई सिम, एटीएम कार्ड, नकदी आदि बरामद हुए हैं। एक अन्य साथी की तलाश की जा रही है।
एटीएम से कैश निकालते समय अगर आपका कार्ड फंस जाता है तो सावधान हो जाइए। यह कोई तकनीकी कमी नहीं है बल्कि इस गैंग की एक सोची समझी साजिश है। मंगलवार को पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी कमलेश दीक्षित ने बताया कि कुछ शिकायतें मिल रहीं थीं, जिसमें एटीएम में कार्ड फंसने के बाद संबंधितों के खाता से रुपये निकाले जा रहा थे। इसके खुलासे के लिए साइबर सेल प्रभारी राजेश कुमार और उनकी टीम के एक्सपर्ट सरयू कुमार, विजय सिंह, गौरव कुमार, महीपाल सिंह, जोगेंद्र चौधरी, मनोज कुमार के अलावा चौकी इंचार्ज सिविल लाइन आदित्य खोखर, अरविंद कुमार को लगाया गया था। टीम ने अंतरराज्यीय गैंग के छह सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पकड़े गए शातिरों के कब्जे से 48 एटीएम कार्ड, दो तमंचा, 65 सिम, छह मोबाइल, एक कार, 75 हजार की नकदी व अन्य सामान बरामद हुआ। इनके नाम सुमित कुमार निवासी चोटपुर कालोनी नोएडा स्थाई पता बिहार, गजेंद्र सिंह निवासी गांव तौली थाना अनूप शहर बुलंदशहर, मोहम्मद जाहिद निवासी अमाड़ी कुकरन थाना धमिधा पूर्णिया बिहार, गौरव निवासी पुरा हाथरस थाना सिकंदराराऊ हाथरस, लोकेश सिंह निवासी गोकुलपुर थाना निधौली जनपद एटा और मोहम्मद मंटू निवासी चोटपुर नोएडा स्थाई निवासी बिहार बताया। यह लोग एटीएम के आसपास सक्रिय रह कर भोले-भाले लोगों के कार्ड मशीन में फंसाकर खाते से नकदी निकालते थे। इनके एक साथी की तलाश की जा रही है, जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कैसे बनाते थे उपभोक्ता को शिकार
एसपी कमलेश दीक्षित ने बताया कि शातिर बड़े ही प्रोफेशनल ढंग से घटना को अंजाम देते थे। यह भोले-भाले लोगों पर नजर रखते थे। एक व्यक्ति एटीएम में मौजूद रह कर कार्ड में फैवी-क्विक लगा देता था, जिस वजह से कार्ड मशीन के अंदर चिपक जाता था, बाहर न आने पर पास खड़ा व्यक्ति उसे बाहर लगे फर्जी सहायता नंबर पर कॉल करने की सलाह देता था, जब उपभोक्ता उक्त नंबर पर बात करता था, तो उनका एक साथी बात करते हुए कार्ड संबंधी गोपनीय जानकारी हासिल कर लेता था। टेक्निकल टीम के कुछ देर में आने की बात कह कर उपभोक्ता को वहां से भेज देता था, इसके बाद एक सर्जिकल ब्लेड की मदद से कार्ड को बाहर निकालने के बाद अन्य किसी एटीएम से खाते से रुपया निकाल लेते थे। हाल ही में गोपाल नगर के रहने वाले दो लोग इस गैंग का शिकार बन चुके थे।
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