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By: Inextlive | Updated Date: Fri, 07 Apr 2023 07:04:17 (IST)
मजबूर महिलाओं की कमजोरी का फायदा उठाकर पैसे के एवज मेें उनसे सरोगेसी (किराए की कोख) का कारोबार चलन मेें आया है. इस संबंध सरोगेसी विनिमय विधेयक पास कर दिया गया. विधेयक को लागू करने का मुख्य उद़्देश्य सेरोगेसी के अवैध कारोबार को रोकना था लेकिन इसके बाद भी इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. थाना सदर क्षेत्र के शहीद नगर में एक महिला ने पति के दोस्त पर सेरोगेसी का दबाव बनाने पर मुकदमा दर्ज कराया है.
आगरा(ब्यूरो)। थाना सदर क्षेत्र के शहीद नगर में रहने वाली पीडि़ता ने पुलिस कमिश्नर डॉ। प्रीतिंदर ंिसंह से कंप्लेन की, बताया कि उसका निकाह हारुन निवासी शहीद नगर के साथ 27 दिसंबर 2021 में हुआ था। निकाह के बाद हारुन किराए के मकान में रहने लगा लेकिन कुछ दिन बाद उसने बिना किसी कारण घर छोड़ दिया। अब पीडि़ता अपने 16 महीने के बच्चे के साथ रहती है। जबकि पति खुद अलग किराए के मकान में रहता है। महिला का आरोप है कि पति का दोस्त फईम पुत्र गिन्नी निवासी नई आबादी, नदीम उर्फ कल्लू निवासी शहीद नगर दोनों शराब पीकर घर पर आते हैं और छेड़छाड़ करने की कोशिश करते हैं।
शादी के लिए लिया था दोस्तों से कर्ज
पीडि़ता का कहना है कि पति अक्सर मारपीट करता है। एक दिन बच्चे को छीनकर ले गए, कहा कि अपनी शादी तोडऩी हैं। पति का कहना है कि उससे शादी करने के लिए दोस्त नदीम से दो लाख रुपए और फईम से 3 लाख का कर्ज लिया था। इसको चुकाने के लिए जेवर लेकर बैंक से लोन लिया, इस संबंध में उसके नाम से वारंट जारी है। हारुन अपने दोस्तों के साथ ही रहता है। कर्ज को चुकाने के लिए दोस्तों को उसके पास भेजता है।
पति के दोस्त बना रहे बच्चा पैदा करने का दबाव
शरीद नगर की रहने वाली पीडि़ता ने बताया कि उसे और उसके बच्चे को जान का खतरा बना है। वो अकेली रहती है। पीडि़ता के माता-पिता भी नहीं हैं। कल्लू और फईम दोनों रोजना महिला के घर आते हैं और बच्चा पैदा करने की मांग करते हैं, विरोध करने पर मारपीट करते हैं। फईम का सेरोगेसी के लिए उस पर दबाव बना रहा है। इसके एवज में वो पैसा देने को राजी है। लेकिन महिला ने इससे इंकार कर दिया।
दो साल बाद भी बेसुराग नेपाल की अस्मिता
किराए पर कोख, बच्चा पैदा करने का दबाव अक्सर मजबूर महिलाओं को बनाया जाता है। वर्ष 2020 में फतेहाबाद टोल पर नेपाल बच्चे को ले जाने के दो मामले सामने आए, जिसमें जांच में पुलिस को पता चला कि मामला किराए पर कोख, सेरोगेसी का है। इस संबंध में जलपाईकुड़ी से एक डॉक्टर और उसकी पत्नी को अरेस्ट किया था। इसके बाद नेपाल की अस्मिता अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है, जो भारत में अकेली और मजबूर महिलाओं को किराए की कोख के नाम पर मोटी रकम देती थी,।
किसे है सरोगेसी की अनुमति
किराए की कोख के उन भारतीय नागरिक दंपतियों को इसकी अनुमति रहेगी, जो चिकित्सीय रूप से गर्भ धारण के योग्य नहीं हैं। ताकि नि:संतान दंपति आधुनिक तकनीक और चिकित्सीय विज्ञान के सहारे संतान का सुख पा सके, इकलौते पेरेंट्स को किराए के कोख की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे पेरेंट़्स के लिए विधेयक में बच्चा गोद लेने का प्रावधान रखा गया है।
इस तरह हो रहा दुरुपयोग
दरअसल, जिस महिला के गर्भ में भ्रूण को परिपक्व होने के लिए रखा जाता है, उसकी देखभाल और गर्भावस्था के दौरान खानपान के लिए नि:संतान दंपति के द्वारा कुछ आर्थिक भुगतान किया जाता है लेकिन यह लेनदेन अब अवैध कारोबार में बदल गया है। कुछ लोग जबरन इस कारोबार को पैसा कमाने का जरिया बना लिया है। थाना प्रभारी नीरज शर्मा ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया गया है।
पीडि़ता ने शिकायत की थी कि उसके पति के दोस्त मारपीट छेड़छाड़ करते है, इस संबंध में जांच के आदेश कर मुकदमा दर्ज करने के लिए आदेश दिए हैं।
डॉ। प्रीतिंदर सिंह, पुलिस कमिश्नर ऑफ पुलिस
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