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वहीं लांसनायक भूपेंद्र सिंह राठौर की पत्नी सारिका सिंह को जब से जानकारी हुई है, तब से रो-रोकर बुरा हाल है। वे रोते-रोते ही बदहवास हो चुकी हैं। परिजन व शुभचिंतक ढांढस बंधा रहे हैं, लेकिन बार-बार शहीद को याद कर हालत बिगड़ जाती है।
शहीद की पत्नी को शुक्रवार की देरशाम ससुर सुरेंद्र सिंह राठौर के मोबाइल पर हादसे की सूचना मिलने की जानकारी मिली। हालांकि काफी समय तक पत्नी से भूपेंद्र के शहीद होने की बात को छिपाए रखा, लेकिन बात ऐसी थी कि छिप नहीं सकी।
धीरे-धीरे पूरे गांव के कोने-कोने में बात पहुंच गई और लोगों का हुजूम घर पर एकत्रित होने लगा। तब पत्नी को पूरी तरह से पता चला कि उसका जीवन साथी अब इस दुनिया में नहीं रहा है।
तीन वर्षीय बेटी परी हुई गुमशुम
शहीद की एकलौती बेटी परी तीन वर्ष की है। जब कि पिता के शहीद होने की जानकारी मिली है और मां सारिका सिंह को बिखलता देखा है तब से गुमशुम हो गई है। किसी से कोई बात नहीं कर रही है और परिवारीजन उसे बहलाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि शहीद की इकलौती बेटी अपने बाबा सुरेंद्र सिंह राठौर के काफी करीब रही है तो उनके पास ही ज्यादातर समय व्यतीत कर रही है।
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