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आगरा। स्वास्थ्य विभाग ने श्री महालक्ष्मी हॉस्पिटल, बोदला का पंजीकरण निरस्त कर दिया है। हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद एक प्रसूता की मौत हो गई थी। परिवारीजन की शिकायत पर जांच हुई तो पाया गया कि पंजीकृत चिकित्सक से प्रसूता का ऑपरेशन नहीं कराया गया था।
अकोला के बीसलपुर निवासी पूजा (23) को प्रसव पीड़ा होने पर श्री महालक्ष्मी हास्पिटल में 27 अगस्त 2022 को भर्ती कराया गया था। ऑपरेशन से प्रसव हुआ। पूजा ने बेटे को जन्म दिया। परिजन का कहना था कि 31 अगस्त को डिस्चार्ज करने से पहले पूजा को इंजेक्शन लगाया गया। इंजेक्शन लगने के पांच मिनट बाद उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम कराने के साथ ही पुलिस और मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई गई। इसके बाद 13 सितंबर को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल में छापा मारा। किराए के घर में चल रहे हॉस्पिटल में पेटदर्द की समस्या से पीड़ित एक मरीज भर्ती था। कोई डॉक्टर नहीं था, एक नर्स थी। संचालक धर्मेंद्र पंजीकरण के दस्तावेज नहीं दिखे सके। दस्तावेज दिखाने के लिए नोटिस दिया गया और चिकित्सकीय कार्य पर रोक लगा दी गई थी।
बाद में ऑपरेशन करने वाले और एनेस्थीसिया के डॉक्टरों का बयान दर्ज किया गया। सर्जन ने बता दिया कि ऑपरेशन उन्होंने ही किया। वहीं एनेस्थीसिया की डॉक्टर ने लिखकर दिया कि वह ऑपरेशन का हिस्सा नहीं थीं। तीन माह से अस्पताल गई भी नहीं थीं। स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस की मदद से अस्पताल की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग देखी। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि सीसीटीवी रिकॉर्डिंग की जांच में पाया गया कि सर्जन डॉ. अजय अग्रवाल ने ऑपरेशन नहीं किया। दूसरे डॉक्टर के बयान से भी स्पष्ट है कि संचालक धर्मेंद्र ने विभाग को गलत जानकारी दी। इस पर अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि गलत बयान दर्ज कराने पर सर्जन डॉ. अजय अग्रवाल को भी नोटिस जारी किया है। साथ ही नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को भी पत्र लिखा जा रहा है। डॉक्टर का पंजीकरण निरस्त करने की संस्तुति की जाएगी।
आगरा। स्वास्थ्य विभाग ने श्री महालक्ष्मी हॉस्पिटल, बोदला का पंजीकरण निरस्त कर दिया है। हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद एक प्रसूता की मौत हो गई थी। परिवारीजन की शिकायत पर जांच हुई तो पाया गया कि पंजीकृत चिकित्सक से प्रसूता का ऑपरेशन नहीं कराया गया था।
अकोला के बीसलपुर निवासी पूजा (23) को प्रसव पीड़ा होने पर श्री महालक्ष्मी हास्पिटल में 27 अगस्त 2022 को भर्ती कराया गया था। ऑपरेशन से प्रसव हुआ। पूजा ने बेटे को जन्म दिया। परिजन का कहना था कि 31 अगस्त को डिस्चार्ज करने से पहले पूजा को इंजेक्शन लगाया गया। इंजेक्शन लगने के पांच मिनट बाद उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम कराने के साथ ही पुलिस और मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई गई। इसके बाद 13 सितंबर को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल में छापा मारा। किराए के घर में चल रहे हॉस्पिटल में पेटदर्द की समस्या से पीड़ित एक मरीज भर्ती था। कोई डॉक्टर नहीं था, एक नर्स थी। संचालक धर्मेंद्र पंजीकरण के दस्तावेज नहीं दिखे सके। दस्तावेज दिखाने के लिए नोटिस दिया गया और चिकित्सकीय कार्य पर रोक लगा दी गई थी।
बाद में ऑपरेशन करने वाले और एनेस्थीसिया के डॉक्टरों का बयान दर्ज किया गया। सर्जन ने बता दिया कि ऑपरेशन उन्होंने ही किया। वहीं एनेस्थीसिया की डॉक्टर ने लिखकर दिया कि वह ऑपरेशन का हिस्सा नहीं थीं। तीन माह से अस्पताल गई भी नहीं थीं। स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस की मदद से अस्पताल की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग देखी। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि सीसीटीवी रिकॉर्डिंग की जांच में पाया गया कि सर्जन डॉ. अजय अग्रवाल ने ऑपरेशन नहीं किया। दूसरे डॉक्टर के बयान से भी स्पष्ट है कि संचालक धर्मेंद्र ने विभाग को गलत जानकारी दी। इस पर अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि गलत बयान दर्ज कराने पर सर्जन डॉ. अजय अग्रवाल को भी नोटिस जारी किया है। साथ ही नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को भी पत्र लिखा जा रहा है। डॉक्टर का पंजीकरण निरस्त करने की संस्तुति की जाएगी।
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