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बांकेबिहारी मंदिर
– फोटो : अमर उजाला
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श्रीबांकेबिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की मंगला आरती के दौरान हुए हादसे के बाद काशी विश्वनाथ की तर्ज पर बनने जा रहे कॉरिडोर से आसपास क्षेत्र का भी चमक जाएगा। मंदिर के आसपास गलियों में अनेक मंदिर, कुंज, धर्मशाला और भवन हैं, जिनका अनूठा इतिहास है। इन्हें देश के विभिन्न राजघरानों द्वारा बनाए गए जो वर्तमान में जीर्णक्षीर्ण अवस्था में हैं।
इनमें 1714 से 1740 के बीच करौली के राजा रहे हरिवक्षपाल सिंह ने मालीपाड़ा के पास करौलीकुंज का निर्माण कर ठाकुर हरिशिरोमणीजी महाराज का मंदिर बनाया था। इसी के सामने पंजाब के नाभा स्टेट ने नाभाकुंज की स्थापना की थी। 16 वीं शताब्दी में मुल्तान के सेठ रामदास कपूर के आर्थिक सहयोग से बनवाया गया पुराना मदन मोहन मंदिर भी यहीं है। इसी के बगल में सूर्य मंदिर, शक्ति मंदिर, नया मदन मोहन मंदिर और अष्टसखी मंदिर भी हैं।
आसपास बने हुए हैं मंदिर
प्रेमजी मंदिर, विश्वनाथ कुंज, पुरदिलपुर वाला मंदिर, मुल्तान बिहारी मंदिर, साक्षी गोपाल मंदिर, भरतपुर राजघराने द्वारा स्थापित नवल बिहारी मंदिर, खुदागंज स्टेट (शाहजहांपुर) के सहयोग से निर्मित छैलबिहारी मंदिर और गोपालजी मंदिर बिहारीजी के आसपास बने हुए हैं। कॉरिडोर बनने के बाद इन मंदिरों तक श्रद्धालुओं की आसान पहुंच बनेगी। इनकी जीर्णक्षीर्ण दशा सुधर जाएगी। पर्यटकों की पहुंच होने के बाद ये प्राचीन मंदिर भी पुन: पहचान को प्राप्त कर सकेंगे।
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