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चलती बाइक पर मारी गई गोली
रामप्रकाश की हत्या किसी सोची समझी साजिश के तहत सुनसान जगह पर अंजाम दी गई। मौके पर बाइक भी चालू हालत में मिली। जिसे देख पुलिस भी मान रही है कि हत्या करने वाले ने रोकटोक नहीं की बल्कि चलती बाइक से जाते समय ही गोली मारी है। एक गोली सीने में और एक गोली कनपटी के पास लगी है।
किसी से नहीं कोई रंजिश
रामगढ़ी निवासी रामप्रकाश के कोई पुत्र नहीं है, पत्नी सत्यवती की मृत्यु हो चुकी है। उनकी करीब 12 बीघा जमीन के वारिस के तौर पर सिर्फ तीन पुत्रियां हैं। एक पुत्री की जनपद एटा के अलीगंज क्षेत्र में रजनेश के साथ शादी हो चुकी है। वहीं दो पुत्रियां नीतू और प्रीती शादी के योग्य हो चुकी हैं। परिजन व ग्रामीणों की मानें तो रामप्रकाश की किसी से कोई रंजिश नहीं थी। वह सिर्फ अपने खेतीबाड़ी से ही मतलब रखते थे। सुबह खेत पर जाना और शाम को वापस आते थे। ऐसे में उनकी हत्या कौन कर सकता है, इस बारे में उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं है।
घटनास्थल और हत्या करने के तरीके पर नजर डालें तो यह एक पूर्व नियोजित हत्या का षड्यंत्र नजर आती है। घटनास्थल मृतक के घर से करीब दो किलो मीटर दूरी पर है, शाम होते ही इस मार्ग पर लोगों की आवाजाही न के बराबर रहती है। मौके पर मृतक की जो बाइक मिली है, वह चालू हालत में थी। इसे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसान को हत्या करने वाले ने रोका नहीं।
चलती बाइक पर गोली मारना प्रतीत हो रहा है। हत्या के लिए सुनसान स्थल निश्चित तौर पर हत्याकांड में किसी गहरी साजिश की ओर इशारा कर रही है। वहीं पुलिस का कहना है कि किसी भी तथ्य को नजरंदाज नहीं किया जा रहा है।
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