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By: Inextlive | Updated Date: Sat, 18 Feb 2023 06:10:38 (IST)
350 साल पहले औरंगजेब ने आगरा किले में छत्रपति शिवाजी और उनके बेटे युवराज संभाजी को कैद करके रखा था. शिवाजी औरंगजेब को चकमा देकर कैद से आजाद हो गए थे. इस घटना का मराठा इतिहास में उल्लेख भी है. अब इसी किले से इस बार छत्रपति शिवाजी की शौर्यगाथा गूजेंगी. आगरा किला में 19 फरवरी छत्रपति शिवाजी की जयंती मनाई जा रही है.
आगरा(ब्यूरो)। आगरा किला में 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी की 393वीं जयंती मनाई जाएगी। इस दिन यहां पर शिवाजी की शौर्यगाथा गूंजेगी। यह आयोजन महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति विभाग और अजिंक्य देवगिरि फाउंडेशन की ओर से आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर एकनाथ शिंदे समेत अन्य मंत्री भी शिरकत करेंगे।
आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ। राजकुमार पटेल ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा आगरा किला में 19 फरवरी को कल्चरल कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी गई थी। जिसे मुख्यालय द्वारा अनुमति दे दी गई है। आयोजकों द्वारा कार्यक्रम और कार्यक्रम के लिए उपयोग होने वाले सामान के विवरण का ब्यौरा मांगा गया है।
यह है शिवाजी का आगरा कनेक्शन
350 साल पहले औरंगजेब ने आगरा किले में छत्रपति शिवाजी और उनके बेटे युवराज संभाजी को कैद करके रखा था। शिवाजी औरंगजेब को चकमा देकर कैद से आजाद हो गए थे। इस घटना का मराठा इतिहास में उल्लेख है। इसी कारण आगरा किला में छत्रपति शिवाजी की जयंती मनाई जा रही है।
सीएम योगी को भी किया आमंत्रित
आगरा में मनाई जाने वाली छत्रपति शिवाजी की जयंती के कार्यक्रम में महाराष्ट्र सरकार द्वारा यूपी के चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ को भी इनवाइट किया गया है। सीएम योगी भी इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैैं।
डिजिटली लाइव प्रसारण
छत्रपति शिवाजी जयंती के कार्यक्रम शाम सवा छह बजे के करीब शुरू होगा और रात नौ बजे तक चलेगा। कार्यक्रम में पोवाड़ा (महाराष्ट्र का लोकनृत्य), पालना मराठी गीत, महाराष्ट्र का गीत गायन व छत्रपति शिवाजी महाराज पर 70 कलाकारों की नाट्य प्रस्तुति की जाएगी। कार्यक्रम में करीब दो हजार लोगों के रहने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम का डिजिटल माध्यम से लाइव प्रसारण भी किया जाएगा।
यह है शिवाजी का आगरा का इतिहास
350 साल पहले आगरा का किला में मुगल बादशाह औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे युवराज संभाजी को कैद किया था। औरंगजेब ने उन्हें मारने की साजिश रची थी, लेकिन शिवाजी महाराज यहां से सकुशल निकल भागे थे। इस घटना की मराठों के इतिहास में बड़ी अहमियत है। इस कारण ही शिवाजी जयंती किले में मनाने की मांग हो रही थी।
पहले नहीं दी गई थी अनुमति
छत्रपति शिवाजी की जयंती आगरा किला में मनाने के लिए पहले अजिंक्य देवगिरि फाउंडेशन के विनोद पाटिल द्वारा एएसआई से अनुमति मांगी गई थी। लेकिन एएसआई ने पहले इसकी अनुमति नहीं दी थी। बाद में विनोद पाटिल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। बाद में महाराष्ट्र सरकार द्वारा अनुमति मांगने पर कार्यक्रम के लिए अनुमति दे दी गई।
जी-20 डेलिगेट्स का भी हुआ था कार्यक्रम
बीते दिनों 11 फरवरी को जी-20 देशों के मेहमानों के लिए आगरा किले में लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया गया था। किले के अंदर दीवान-ए-आम में यह कार्यक्रम हुआ था। लाइट एंड साउंड शो के बाद में दीवान-ए-आम के प्लास्टर में दरार होने की बात भी सामने आई थी। इसको लेकर एएसआई के अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया था।
महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा 19 फरवरी को कल्चरल कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी गई थी। अनुमति दे दी गई है।
– डॉ। राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद, एएसआई
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