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– फोटो : istock
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विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट नसीमा ने 6 साल की बालिका से घर में घुसकर दुष्कर्म के मामले में आरोपी जीतू उर्फ अजीत (जगदीशपुरा) को दोषी पाया। उसे 20 साल के कठोर कारावास और 15 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।
मामले में थाना जगदीशपुरा में मुकदमा दर्ज हुआ था। वादी महिला का आरोप था कि 23 मार्च, 2015 को उसकी 6 साल की बेटी घर में सो रही थी। इसी दौरान आरोपी जीतू उर्फ अजीत घर में घुस आया। बेटी को दबोच लिया। उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। दुष्कर्म किया। बेटी की चीख सुनकर बेटा पहुंच गया। परिवार के लोगों को आता देखकर जीतू भाग निकला। खून से लथपथ बेटी को वह अस्पताल ले गए।
इसकी शिकायत आरोपी के घर जाकर की। आरोपी के भाई रंजीत, सुरजीत, अनिल, सुनील और उसकी मां लज्जावती ने उनके साथ ही मारपीट की। जीतू की तरफ से धमकी दी। राजीनामे का दबाव बनाया।
पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपी जीतू उर्फ अजीत के खिलाफ घर में घुसकर दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। उसके भाइयों और मां के खिलाफ मारपीट, बलवा और धमकी देने के आरोप में पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में प्रेषित किया।
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट नसीमा ने आरोपी जीतू को दोषी पाया। उसे 20 वर्ष कठोर कारावास एवं 15 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया। कोर्ट ने पुष्ट साक्ष्य के अभाव में आरोपी की मां और भाइयों को बरी करने के आदेश दिए। अभियोजन की तरफ से मुकदमे की पैरवी विशेष लोक अभियोजक विमलेश आनंद ने की।
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