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15एमएनपी-04-शहर के देवी रोड पर बिना सुरक्षा उपकरणों के सीवर सफाई करते नगर पालिका कर्मचारी
– फोटो : MAINPURI
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मैनपुरी। नगर पालिका इन दिनों सीवर लाइन की सफाई करा रही है। पेट की खातिर सफाईकर्मी जान जोखिम में डालकर कार्य में जुटे हैं। ठेकेदार की ओर से इन्हें जीवनरक्षक उपकरण मुहैया नहीं कराए हैं। वहीं, इनकी सुरक्षा पर अफसरों ने भी ध्यान नहीं दिया है। ऐसे में सवाल है कि अगर कोई हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन होगा।
सीवर लाइन का सफाई कार्य जोखिम भरा है। नाले, नाली की सफाई से ज्यादा मजदूरी सीवर की सफाई कार्य के बदले में मिलती है। अधिक मजदूरी के लिए ही सफाईकर्मी इस कार्य को चुनते हैं। शहर में इन दिनों सीवर लाइन की सफाई चल रही है। सफाई कार्य में लगे सफाईकर्मियों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्हें जीवनरक्षक उपकरण नहीं दिए गए हैं। देवी रोड पर हो रही सफाई के दौरान दो सफाई कर्मचारी मैनहोल के अंदर बिना सुरक्षा उपकरणों के घुसे हुए थे। स्थिति यह थी कि दोनों ही सफाईकर्मियों के कमर तक पानी था। सफाईकर्मियों की सुरक्षा पर न तो नगर पालिका के अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही प्रशासनिक अधिकारी।
अफसर कर रहे हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी
सीवर लाइन सफाई के दौरान सिर्फ सफाईकर्मियों की सुरक्षा को ही अफसर अनदेखा नहीं कर रहे हैं। वह अनदेखा कर रहे हैं प्रयागराज हाईकोर्ट के आदेश को। इसी साल हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश दिया था कि बगैर मास्क, दस्ताने व अन्य जरूरी सुरक्षा उपकरणों के नाले और सीवर की सफाई न कराई जाए। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कायम की गई जनहित याचिका पर पारित किया था।
जानलेवा हो सकती है गैस
सीवर से जहरीली गैसें निकलती हैं। देश में कई बार सफाईकर्मियों की मौत इन जहरीली गैसों की वजह से हो चुकी है। सुरक्षा के लिए ही जीवनरक्षक श्रमिकों को देना अनिवार्य है। जीवनरक्षक उपकरणों में ऑक्सीजन मास्क, हेलमेट, बूट, कपड़े, ग्लव्स व अन्य उपकरण शामिल हैं।
बिना जीवनरक्षक उपकरणों के सीवर की सफाई का कार्य नहीं कराया जा सकता है। अगर नगर पालिका की ओर से ऐसा कराया जा रहा है तो संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– रामजी मिश्रा, एडीएम/ प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय।
मैनपुरी। नगर पालिका इन दिनों सीवर लाइन की सफाई करा रही है। पेट की खातिर सफाईकर्मी जान जोखिम में डालकर कार्य में जुटे हैं। ठेकेदार की ओर से इन्हें जीवनरक्षक उपकरण मुहैया नहीं कराए हैं। वहीं, इनकी सुरक्षा पर अफसरों ने भी ध्यान नहीं दिया है। ऐसे में सवाल है कि अगर कोई हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन होगा।
सीवर लाइन का सफाई कार्य जोखिम भरा है। नाले, नाली की सफाई से ज्यादा मजदूरी सीवर की सफाई कार्य के बदले में मिलती है। अधिक मजदूरी के लिए ही सफाईकर्मी इस कार्य को चुनते हैं। शहर में इन दिनों सीवर लाइन की सफाई चल रही है। सफाई कार्य में लगे सफाईकर्मियों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्हें जीवनरक्षक उपकरण नहीं दिए गए हैं। देवी रोड पर हो रही सफाई के दौरान दो सफाई कर्मचारी मैनहोल के अंदर बिना सुरक्षा उपकरणों के घुसे हुए थे। स्थिति यह थी कि दोनों ही सफाईकर्मियों के कमर तक पानी था। सफाईकर्मियों की सुरक्षा पर न तो नगर पालिका के अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही प्रशासनिक अधिकारी।
अफसर कर रहे हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी
सीवर लाइन सफाई के दौरान सिर्फ सफाईकर्मियों की सुरक्षा को ही अफसर अनदेखा नहीं कर रहे हैं। वह अनदेखा कर रहे हैं प्रयागराज हाईकोर्ट के आदेश को। इसी साल हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश दिया था कि बगैर मास्क, दस्ताने व अन्य जरूरी सुरक्षा उपकरणों के नाले और सीवर की सफाई न कराई जाए। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कायम की गई जनहित याचिका पर पारित किया था।
जानलेवा हो सकती है गैस
सीवर से जहरीली गैसें निकलती हैं। देश में कई बार सफाईकर्मियों की मौत इन जहरीली गैसों की वजह से हो चुकी है। सुरक्षा के लिए ही जीवनरक्षक श्रमिकों को देना अनिवार्य है। जीवनरक्षक उपकरणों में ऑक्सीजन मास्क, हेलमेट, बूट, कपड़े, ग्लव्स व अन्य उपकरण शामिल हैं।
बिना जीवनरक्षक उपकरणों के सीवर की सफाई का कार्य नहीं कराया जा सकता है। अगर नगर पालिका की ओर से ऐसा कराया जा रहा है तो संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– रामजी मिश्रा, एडीएम/ प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय।
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