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डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सम सेमेस्टर के प्रैक्टिकल (प्रायोगिक परीक्षा) कराने के लिए कॉलेजों को विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षकों का पैनल नवंबर के शुरूआत में ही दे दिया गया था। अभी तक करीब 80 फीसदी सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों ने प्रैक्टिकल कराए नहीं हैं।
संबंधित परीक्षकों से संपर्क तक नहीं दिया गया है। जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से 20 दिसंबर तक प्रैक्टिकल कराकर अंक भेजने के आदेश दिए गए थे। प्रत्येक सेल्फ फाइनेंस कॉलेज को दो-दो परीक्षकों का पैनल बनाकर दिया गया है। संबंधित कॉलेजों को परीक्षकों से संपर्क करके प्रैक्टिकल कराने हैं। मौके पर ही प्रैक्टिकल के अंक अपलोड किए जाने हैं।
इस बार व्यवस्था बनाई गई है कि दो में से किसी एक परीक्षक के पास विश्वविद्यालय की ओर से ओटीपी भेजा जाएगा, वह ओटीपी बताएगा तभी अंक अपलोड करने का पोर्टल खोला जाएगा। परीक्षक को प्रैक्टिकल के समय फोटो खींचकर या वीडियो बनाकर भी देना है। विश्वविद्यालय के नियमों में परिवर्तन की वजह से कॉलेज प्रैक्टिकल नहीं करा रहे हैं। प्रक्रिया शुरू हुए करीब डेढ़ माह होने वाले हैं। दी हुई समय सीमा भी बीत चुकी है।
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश का कहना है कि कॉलेजों की ढिलाई की वजह से परीक्षा परिणाम देने में देरी हो रही है। कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। देर से प्रैक्टिकल कराने वालों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर विचार नहीं किया जाएगा।
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