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दवा उद्योग(सांकेतिक)
– फोटो : अमर उजाला
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ताजनगरी आगरा में औषधि विभाग ने फव्वारा के कम्मू टोला स्थित मोहन ट्रेडर्स के प्रतिष्ठान से मधुमेह की दवा गैलबस मेट का नमूना लिया है। उसे जांच के लिए लैब भेज दिया गया है। बिल नहीं दिखाने पर दवाओं के 40 कार्टन बाहर भेजने से रोक दिए गए। विभाग ने बिल प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
मधुमेह की दवा नकली होने की शिकायत औषधि विभाग को प्राप्त हुई थी। इसके बाद सहायक औषधि आयुक्त अखिलेश जैन के निर्देश पर टीम ने कम्मू टोला स्थित मोहन ट्रेडर्स पर शनिवार शाम को छापा मारा। मधुमेह की दवाएं कोलकाता भेजे जाने की तैयारी थी। औषधि विभाग की टीम ने दवाओं का बिल मांगा, संचालक मोहन अग्रवाल पूरी दवाओं के बिल नहीं दिखा पाए।
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रिपोर्ट आने का इंतजार
सहायक औषधि आयुक्त का कहना है कि जिन दवाओं के बिल नहीं दिखाए गए, उनके 40 कार्टन को बाहर भेजने से रोक दिया गया है। प्रत्येक कार्टन में 40 डिब्बे थे। डिब्बों में रखीं एक-एक स्ट्रिप में 15 टैबलेट होती हैं। एक स्ट्रिप की कीमत 388 रुपये है। उन्होंने बताया कि दवा का नमूना जांच के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। संचालक से बिल मांगा गया है।
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