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रुई की मंडी फाटक
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के रुई की मंडी से रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) को मंजूरी पर खुशी हुई। भूमि पूजन कर जनप्रतिनिधियों ने श्रेय भी ले लिया। 3 साल बीतने पर इसके लिए एक ईंट तक नहीं रखी जा सकी। 125 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले आरओबी का निर्माण लटक गया। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई।
रुई की मंडी पर आरओबी न होने पर पूरे दिन जाम के हालात रहते हैं। कई सालों से आरओबी बनाने की मांग की जा रही थी। 2019 में प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। रुई की मंडी के फाटक संख्या 75, 77 और 496 को जोड़ते हुए नगला छऊआ तक आरओबी के लिए 125 करोड़ रुपये मंजूर हो गए। अगस्त 2021 में इसके निर्माण के लिए भूमिपूजन कर शिलान्यास भी कर दिया गया।
इसके बाद डिजाइन तय नहीं हो पाने के कारण निर्माण कार्य लटक गया। हालत ये है कि 2024 आ गया लेकिन आरओबी बनने की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई। आगरा फोर्ट, ईदगाह से बयाना की ओर ट्रेन जाने पर रुई की मंडी पर फाटक बंद कर दिए जाते हैं। इससे जाम की स्थिति रहती है। स्कूली बच्चे, मरीज समेत अन्य लोग परेशान होते हैं। रुई की मंडी पर आरओबी बनने से अर्जुन नगर, अजीत नगर, ख्वासपुरा, रुई की मंडी, नरीपुरा, धनौली, मलपुरा, जगनेर रोड, ईदगाह के लोगों समेत 5 लाख को सुविधा मिलती।
तीन बार बदली गई डिजाइन
रेलवे प्रशासन ने आरओबी बनाने के लिए तीन बार डिजाइन बदली। इसके बाद भी मुख्यालय ने डिजाइन को मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में एक बार फिर क्षेत्र का सर्वे कर आरओबी का नया डिजाइन तैयार किया गया है।
अधिकारियों से की मुलाकात
विधायक छावनी डॉ. जीएस धर्मेश ने बताया कि आरओबी की मंजूरी मिलने के बाद भूमि पूजन और शिलान्यास भी हमने कराया था। निर्माण में देरी पर रेलवे के अधिकारियों से भी मिल चुके हैं। रेलवे अधिकारियों से पता चला कि जल्द डिजाइन तय होने के बाद निर्माण शुरू कराने की बात कही गई है।
मंजूरी के लिए भेजा है मुख्यालय
रेलवे वाणिज्य प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि आरओबी के लिए सर्वे कर नई डिजाइन बनाई गई है। इसकी मंजूरी के लिए मुख्यालय भेजा गया है। अगले महीने तक ये मंजूर होने की उम्मीद है, इसके बाद रेलवे निर्माण शुरू करा देगा।
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