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– फोटो : istock
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आगरा के मलपुरा से जीजा-साले का अपहरण कर चार लाख रुपये फिरौती मांगने के आरोपी रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) के दरोगा समेत तीन पुलिसकर्मियों को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। न्यायालय में गवाही के दौरान वादी और उसके जीजा ने घटना का समर्थन नहीं किया। इस पर अपर जिला जज नीरज कुमार बख्शी ने बरी करने के आदेश किए।
घटना 13 दिसंबर 2022 की है। आरोप के मुताबिक मलपुरा के गांव अभयपुरा निवासी कासिम उसके जीजा इकरार का अपहरण किया गया था। परिजन से 4 लाख रुपये मांगे गए थे। फिरौती वसूलने आए आरपीएफ दरोगा सुरेश चौधरी, आरक्षी नीरज सिंह और पारुल यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तीनों को जेल भेजा गया। मलपुरा थाने में कासिम के भाई साजिम ने अपहरण और फिराैती का केस दर्ज कराया था।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में भेजा। अभियोजन की ओर से वादी मुकदमा साजिम, उसके जीजा इकरार, पुलिसकर्मी रूपकिशोर, उप निरीक्षक तेजवीर सिंह, डॉ. प्रभात सिंह को गवाही के लिए पेश किया था। गवाही के दौरान साजिम और इकरार अपने पूर्व बयान से मुकर गए। अभियाेजन वादी के भाई कासिम को गवाही के लिए न्यायालय में पेश नहीं कर सका। अपर जिला जज ने साक्ष्य के अभाव और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के तर्क पर आरोपियों को बरी करने के आदेश किए।
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