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जूही बब्बर
– फोटो : अमर उजाला
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आज भी महिलाएं सशक्त नहीं हुई हैं। चाहे कितनी भी पढ़ाई-लिखाई कर लें, कितना भी पैसा कमा लें। लेकिन समाज का नजरिया औरतों के प्रति नहीं बदला है। उस नजरिए को बदलने के लिए सईयारा… नाटक का मंचन किया जा रहा है। बृहस्पतिवार को आगरा पहुंचीं अभिनेत्री जूही बब्बर ने बातचीत में बताया कि अब तक सईयारा नाटक के 40 शो हो चुके हैं। हर शो में महिलाओं के साथ पुरुषों को भी बहुत कुछ सिखने को मिला है, जिससे वह भी अपना नजरिया औरतों के प्रति बदलें।
आगरा के पूर्व सांसद राज बब्बर की बेटी जूही बब्बर ने 20 साल पहले सूरसदन में ही भगवान कृष्ण पर आधारित नाटक इतिहास, तुम्हें कहां ले गया कन्हैया का मंचन किया था। शुक्रवार की शाम को सूरसदन में सईयारा नाटक का मंचन होगा, जिसमें मुख्य रूप से सईयारा के किरदार का मंचन जूही बब्बर करेंगी।
लॉकडाउन में हुआ सईयारा किरदार का जन्म
जूही बब्बर ने बताया कि लॉकडाउन उनके लिए बहुत ही अच्छा रहा। उस दौरान ही सईयारा किरदार का जन्म हुआ। सईयारा मुंबई की रहने वाली एक मॉडल लड़की की कहानी है, जो सपने देखती ही नहीं बल्कि उन्हें पूरा करने की हिम्मत भी रखती है। परिवार को महत्व देने के साथ अपनी समाज में अलग पहचान भी बनाती है। थियेटर मेरे परिवार का हिस्सा है, जिसे में बहुत ही अच्छे से कर सकती हूं। इसलिए थियेटर (रंगमंच) के माध्यम से सईयारा का संदेश समाज को देना चाहती हूं।
उन्होंने कहा कि यह बात भी सच है लोग थियेटर को बहुत छोटा मानते हैं। कलाकर के लिए कोई भी मंच छोटा या बड़ा नहीं होता। मेरे पापा राज बब्बर का सपना था कि वो थियेटर करें पर कम पैसे मिलने के कारण वह थियेटर नहीं कर पाए, लेकिन उस सपने को आगे तक ले जाने के लिए मैं आज भी थियेटर कर रही हूं।
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