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कोहरे के कारण रेल यातायात पर असर (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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कोहरे का सीजन अभी शुरू नहीं हुआ लेकिन ट्रेनों के संचालन पर असर पड़ना शुरू हो गया है। ऐसे में यात्रियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। आगरा फोर्ट-लखनऊ इंटरसिटी अब सप्ताह में 5 दिन ही चलेगी। आगरा कैंट-कोलकाता एक्सप्रेस भी आगरा नहीं आएगी। यह मथुरा तक ही चलेगी। नवंबर के आखिर में अन्य नियमित ट्रेनों का निरस्तीकरण व आंशिक निरस्तीकरण किया जा सकता है।
आगरा मंडल की वाणिज्य प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि कोहरे के कारण आगरा सहित सभी मंडलों की ट्रेनों के फेरे कम करना, आंशिक व पूर्ण निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रतिदिन चलने वाली गाड़ी संख्या 12179/ 12180 लखनऊ जं.-आगरा फोर्ट -लखनऊ इंटरसिटी एक दिसंबर से सप्ताह में शनिवार व रविवार को नहीं चलेगी। दिसंबर में 3, 4, 10, 11, 17, 18, 24, 25, 31 को निरस्त रहेगी। इसी तरह जनवरी और फरवरी में निरस्त रहेगी। एक दिसंबर से दिल्ली से झांसी तक चलने वाली ताज एक्सप्रेस का संचालन ग्वालियर तक ही किया जाएगा। यह ग्वालियर से झांसी के बीच निरस्त रहेगी।
गाड़ी संख्या (12177) हावड़ा-मथुरा 2 दिसंबर से 24 फरवरी तक हावड़ा से संचालित होने वाली गाड़ी आगरा छावनी तक ही चलेगी। इसी तरह गाड़ी संख्या (12178) मथुरा 5 दिसंबर से 27 फरवरी तक आगरा छावनी से मथुरा स्टेशन तक आंशिक निरस्त रहेगी।
इन ट्रेनों का किया आंशिक निरस्तीकरण
ट्रेन नंबर, कहां से कहां तक स्टेशन के मध्य निरस्त निरस्त होने की तिथि
12177 हावड़ा-मथुरा चंबल एक्सप्रेस आगरा कैंट से मथुरा 02 दिसंबर से 24 फरवरी 2023 तक
12178 मथुरा-हावड़ा चंबल एक्सप्रेस मथुरा से आगरा कैंट 05 दिसंबर से 27 फरवरी 2023 तक
12279 झांसी-नई दिल्ली ताज एक्सप्रेस झांसी से ग्वालियर 01 दिसंबर से 28 फरवरी 2023 तक
12280 नई दिल्ली-झांसी ताज एक्सप्रेस ग्वालियर से झांसी 01 दिसंबर से 28 फरवरी 2023 तक
12319 कोलकाता-आगरा कैंट मथुरा से आगरा कैंट 07 दिसंबर से 22 फरवरी 2023 तक
12320 आगरा कैंट-कोलकाता आगरा कैंट से मथुरा 08 दिसंबर से 2023 फरवरी तक
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फोग सेफ डिवाइस के बाद भी हर सर्दी में निरस्तीकरण
रेल परामर्शदात्री समिति के सदस्य राजकुमार शर्मा, रिंकू अग्रवाल, मुरारीलाल गोयल का कहना है कि पूरे साल यात्री ट्रेनों में सीटों के लिए मारामारी का सामना करते हैं। किसी सीजन में ट्रेन में आसानी से सीट नहीं मिल पा रही। सर्दी में कोहरे के डर से ही रेलवे दिसंबर से ट्रेनों को निरस्त करना शुरू कर देता है। इससे ट्रेनों में सीट पाने में दिक्कत होती है। जब फोग सेफ डिवाइस है। कवच जैसे अत्याधुनिक सिक्योरिटी सिस्टम पर काम चल रहा है तो ट्रेनों को निरस्त विशेष परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए। इस संबंध में डीसीएम प्रशस्ति श्रीवास्तव का कहना है कि कवच पर काम दो साल बाद शुरू होगा। ऐसे में प्रयास होता है कि कम से कम ट्रेनों पर असर पड़े।
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