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आगरा कैंट स्टेशन
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा मंडल में रेलवे की दशा सुधारने पर 337 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस धनराशि से फ्लाईओवर, नई लाइनें बिछाने समेत अन्य विकास कार्य होंगे। 15 रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी।
कार्यालय में शुक्रवार को डीआरएम आनंद स्वरूप ने मीडिया को बताया कि बजट में आगरा मंडल के आगरा, इटावा, मथुरा, फरीदाबाद, धौलपुर, अलवर, दौसा, भरतपुर के रेलवे स्टेशनों में विकास व निर्माण कार्य पर 337 करोड़ रुपये का प्रावधान हुआ है। इसमें मथुरा जंक्शन यार्ड री-मॉडलिंग एवं भूतेश्वर में फ्लाईओवर के लिए 123 करोड़ रुपये, भांडई फ्लाईओवर के लिए एक करोड़ रुपये, धौलपुर- सरमथुरा गेज कन्वर्जन के लिए 105 करोड़ रुपये, आगरा फोर्ट- बांदीकुई डबलिंग के लिए 70 करोड़ रुपये, यमुना ब्रिज स्टेशन के लिए 36 करोड़ रुपये और यमुना ब्रिज यार्ड री-मॉडलिंग के लिए 2 करोड़ रुपये मिले हैं।
उन्होंने बताया कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 15 स्टेशनों पर प्रवेश द्वार, लिफ्ट और एस्केलेटर समेत अन्य सुविधाएं विकसित होंगी। आगरा छावनी-मथुरा स्टेशन के विकास 2022-23 में पहले ही स्वीकृत हो चुका है। एक स्टेशन एक उत्पाद के तहत आगरा छावनी, मथुरा, आगरा किला, कोसीकलां, खेड़ली, सरमथुरा और ईदगाह स्टेशन पर वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा दिया जाएगा। वार्ता में मुख्य परियोजना प्रबंधक गति शक्ति एसके यादव, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अमन वर्मा, वरिष्ठ मंडल अभियंता समन्वय भुवनेश सिंह, मंडल वाणिज्य प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्तव मौजूद रहे।
ये हैं स्टेशन:
– आगरा किला एनएसजी-3
– राजा की मंडी एनएसजी-4
– फतेहाबाद एनएसजी-6
– फतेहपुर सीकरी एनएसजी-6
– अछनेरा एनएसजी-5
– ईदगाह एनएसजी-5
– कोसीकलां एनएसजी-4
– धौलपुर एनएसजी-5
– खेड़ली एनएसजी-5
– महवा मंडावर रोड एनएसजी-5
– होडल एनएसजी-5
– भूतेश्वर एनएसजी-5
– गोवर्धन एनएसजी-5
– डीग एनएसजी-6
– गोविंदगढ़ एनएसजी-6
वंदेभारत एक्सप्रेस की बढ़ेगी गति
वंदेभारत एक्सप्रेस 2.0 के लिए भी धनराशि प्रदान की जाएगी। इसकी गति 180 किमी प्रति घंटे की जाएगी।अभी इसकी गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा है। इससे यात्रा का समय 25 से 45 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। वंदे मेट्रो ट्रेन को कम दूरी वाले शहरों के बीच में चलाया जाएगा।
ट्रेनों में कवच सुविधा का होगा विस्तार
कवच (ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली) को आगरा मंडल में मथुरा-पलवल खंड में विकसित किया जा रहा है। अभी कवच को 77 लोकोमोटिव के साथ दक्षिण मध्य रेलवे पर 1,455 रूट किलोमीटर के लिए तैनात किया गया है। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर (3000 रूट किमी) पर काम चल रहा है। रेलवे ने 2030 तक नेट जीरो कार्बन एमिटर का लक्ष्य रखा है। इसने कार्बन फुटप्रिंट और आयातित ईंधन पर निर्भरता कम होगी। स्टेशनों पर सफाई, कूड़ा बीनने और कचरा निस्तारण के लिए ठेकों और ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस (ओबीएचएस) में वृद्धि की है।
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