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गोरखपुर में रेलवे ग्रुप-डी की ऑनलाइन परीक्षा में एक सॉल्वर के पकड़े जाने के बाद ही पुलिस उसके अन्य साथियों के पास पहुंच पाई। दरअसल, पुलिस ने असल अभ्यर्थी को पहले पकड़ा और उससे ब्योरा हासिल कर जब सॉल्वर को पकड़ा तो खुद ही चकरा गई। क्योंकि, फोटो ऐसा एडिट किया गया था कि उसे फर्जी साबित कर पाना आसान नहीं था। इसके बाद पुलिस ने घर परिवार का नाम पूछा तो सब बता ले गया, लेकिन बुआ के नाम पर अटक गया।
फूफा का नाम बताया और बुआ का नाम नहीं बताने पर पुलिस ने उसे उठा लिया और फिर गिरोह का भंडाफोड़ किया। एसपी नार्थ ने बताया कि जालसाजों ने फोटो को ऐसा एडिट किया था कि अगर पंकज को सामने करके देखा जाए तो उसकी लग रही थी और दीपचंद को देखा जाए तो उसकी लग रही थी।
शातिराना तरीके से आधार कार्ड के फोटो को भी एडिट कर दिया गया था। इतना ही नहीं फोटो में उसी शर्ट का इस्तेमाल किया गया था, जिस शर्ट को पहनकर वह परीक्षा में शामिल होने के लिए गया था। चेहरे की ढाढ़ी हटाकर फोटो बनाई गई थी और उसी तरह परीक्षा में शामिल होने के लिए भी गया था।
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