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राधा-कृष्ण की क्रीड़ा भूमि श्रीधाम वृंदावन में राधा नाम को लेकर विद्वानों और भागवत प्रवक्ताओं में जंग छिड़ गई है। श्रीमद्भागवत में राधा नाम है अथवा नहीं, इस विषय को लेकर विगत कई दिन से जुबानी जंग तेज होती जा रही है।
वृंदावन के एक धार्मिक समारोह में मंच पर भागवत प्रवक्ता अनिरुद्धाचार्य ने श्रीमद्भागवत कथा में श्लोक के माध्यम से राधा का नाम आने का विषय उठाया, तो मंच पर मौजूद राम कृपालु त्रिपाठी ने उन्हें बीच में टोकते हुए श्लोक के अर्थ को गलत ठहरा दिया। फिर क्या था, दोनों के बीच श्रीमद्भागवत में राधा नाम को लेकर बहस हो गई। इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तीर्थ नगरी वृंदावन की धरा पर जैसे भूचाल सा आ गया है। दोनों पक्षों के विद्वान अपनी-अपनी बात को सही ठहराने के प्रयासों में जुट गए हैं। इस विवाद के बीच कई विद्वान भी अपना-अपना मत रख रहे हैं।
एक-दूसरे को नीचा न दिखाएं संत
वहीं ब्राह्मण महासभा एवं ब्राह्मण सेवा संघ ने एक बैठक व्यास घेरा स्थित ब्राह्मण महासभा के कैंप कार्यालय में आयोजित की, जिसमें दोनों पक्षों से शांति से विवाद सुलझाने का अनुरोध किया गया। महासभा के संस्थापक सुरेशचंद्र शर्मा ने कहा कि यहां से जो संदेश दिया जाता है वह पूरे विश्व में प्रचारित होता है। प्रकरण के उपरांत दोनों पक्षों के समर्थक सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर एक-दूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।
धूमिल हो रही छवि
उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण से भगवान श्रीराधाकृष्ण की इस लीलाभूमि की छवि धूमिल हो रही है। ब्राह्मण सेवा संघ के संस्थापक चंद्रलाल शर्मा ने कहा कि श्रीमद्भागवत में राधा नाम है अथवा नहीं, यह विवाद का विषय नहीं है। संदेह का निराकरण विद्वानों के सान्निध्य में किया जाता है। बैठक में पंडित सत्यभान शर्मा, ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष महेश भारद्वाज, वंशी तिवारी व गोपाल शरण शर्मा थे।
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