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पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद
– फोटो : अमर उजाला
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लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री जितिन प्रसाद आज आगरा आ रहे हैं। सर्किट हाउस में सड़कों की हालत की समीक्षा करेंगे। मंत्री जी, जिस शहर की सड़कों पर दुनियाभर के पर्यटक घूमते हैं, उनकी हकीकत खुद घूम कर देख लीजिए। सड़कों पर गड्ढे हैं, मैनहोल खुले हुए हैं। ठेकेदार कार्य बहिष्कार कर चुके हैं। पीडब्ल्यूडी अभियंताओं पर आरोप लग रहे हैं कि वह चहेतों को मरम्मत और नवीनीकरण के काम बांट रहे हैं। गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है।
जिले में 1,639 सड़कों की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की है। इन सड़कों की कुल लंबाई 4235 किमी है। चुनाव से पहले हुए सर्वे में 845 किमी सड़कें जर्जर पाई गई थीं। मरम्मत नहीं हुई। 10 महीने में जर्जर सड़कों की हालत और खराब हो गई। मॉडल सड़क एमजी रोड-टू का ही उदाहरण सामने है। पीडब्ल्यूडी की यह 15 किमी लंबी सड़क जनवरी से नवंबर तक 5 बार खोदी गई।
मैनहोल भी बन रहे हादसे का कारण
सड़कों पर गड्ढे ही एकमात्र समस्या नहीं हैं। खुले मैनहोल भी हादसे का कारण बन रहे हैं। बोदला चौराहा से बिचपुरी रोड पर चलते ही सड़क पर मैनहोल खुला है। मैनहोल ढक्कन की जगह प्लास्टिक का ट्रैफिक बैरियर रख दिया गया है। पास ही सड़क धंसने के बाद गिट्टियां भरी गई हैं। राज्य मार्ग चंदौसी, आगरा-तांतपुर-कोट (सीएटीके) जर्जर है। इससे लिंक 30 से अधिक ग्रामीण मार्ग भी खस्ता हाल में हैं।
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