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ताजमहल के आसपास हैं कई दुकानें
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा नगर निगम के अधिवेशन में पार्षद शोभाराम राठौर ने ताजमहल का नाम बदलकर तेजोमहालय करने का प्रस्ताव रखा तो विपक्षी पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। लगभग आधा घंटा भारी हंगामा और खींचतान के बाद प्रस्ताव निरस्त हो गया।
सदन की बैठक में राठौर ने कहा कि ताजमहल वस्तुत: शिव मंदिर है। इतिहासकार पीएन ओक और पीटर मुंडी की किताबों के उद्धरण देकर उन्होंने ताजमहल के मेशन मार्क के बारे में बताया। कहा कि ताजमहल का इतिहास गलत बताया जा रहा है। इसे सही करने की जरूरत है। चूंकि यह आगरा की विरासत से जुड़ा मुद्दा है।
विपक्षी पार्षदों ने इसे शहर की छवि धूमिल करने वाला प्रस्ताव बताकर विरोध किया। कहा कि इससे दुनियाभर में भारत की छवि पर असर पड़ता है। ताजमहल को विवादों में नहीं घसीटा जाए। भाजपा के अन्य पार्षदों ने राठौर का समर्थन किया। इसे लेकर दोनों पक्षों में तकरार के बाद खींचतान और अभद्र भाषा का प्रयोग शुरू हो गया।
इस पर महापौर को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने कहा कि पार्षद राठौर का प्रस्ताव नगर निगम के अधिकार क्षेत्र से बाहर का विषय है, अत: इसे निरस्त किया जाता है। इसके बाद भी पार्षदों के बीच विवाद शांत नहीं हुआ। तब महापौर ने भारत माता के जयकारे लगाकर माहौल को हल्का करके सदन को सुचारु करवाया।
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