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आगरा कॉलेज
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में आगरा कॉलेज स्टाफ क्लब के अध्यक्ष प्रो. विजय कुमार सिंह, प्रभारी प्राचार्य डॉ. सीके गौतम व ट्रस्ट के सदस्यों ने मंगलवार को निलंबित प्राचार्य प्रो. अनुराग शुक्ल पर आरोपों की झड़ी लगाई। डॉ. सीके गौतम ने उनके शैक्षणिक व अकादमिक प्रमाणपत्रों पर सवाल खड़े किए। कहा कि उन्होंने महज 12 वर्ष छह माह की आयु में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण होना दर्शाया है। पीजी स्तर पर शोध कार्य कराने के अनुभव को गलत बताया।
डॉ. सीके गौतम ने कहा कि अपनी अक्षमता, गंभीर वित्तीय अनियमिताओं और अपनी नियुक्ति के फर्जी दस्तावेजों को छुपाने के लिए निलंबित प्राचार्य अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। फुपुक्टा पदाधिकारियों और समाज के महत्वपूर्ण व्यक्तियों की शिकायत पर हुई जांच में प्रो. शुक्ल ने साक्ष्य नहीं उपलब्ध कराए। नियुक्ति के पूर्व अपने शैक्षणिक अभिलेख आगरा कॉलेज प्रबंध समिति के समक्ष नहीं प्रस्तुत किए। व्यक्तिगत दुर्भावना व द्वेष की वजह से उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाए गए।
डॉ. सीके गौतम ने कहा कि शासन का जो भी निर्देश उनके लिए होगा, वह उसका पालन करेंगे। शासन के निर्देश पर ही पद का दायित्व संभाल रहे हैं। यह भी कहा कि नवगठित बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज पूरे मामले से अवगत है और आवश्यक कार्रवाई करेगी। प्रो. विजय कुमार सिंह ने अलमारी खरीद व साइकिल स्टैंड की फीस के नाम पर प्रो. शुक्ल पर अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाया।
कॉलेज में आयोजित पत्रकार वार्ता में उप प्राचार्य डॉ. पीबी झा, प्रो. भूपाल सिंह, शशिकांत पांडे, प्रो. केके सिंह, प्रो. शरद चंद भारद्वाज, प्रो. प्रियम अंकित डॉ. भूपेंद्र चिकारा, डॉ. गौरव कौशिक बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के सदस्य सुभाष ढल, महंत महेंद्र गिरी आदि शामिल रहे।
प्रो. अनुराग शुक्ल का भी पलटवार
प्रो. अनुराग शुक्ल ने डॉ. सीके गौतम की ओर से लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने डॉ. सीके गौतम को प्राचार्य पद के लिए अनर्ह व अयोग्य बताया है। उनके आरोपों को झूठे व अर्नगल बताया है। उन्होंने शिकायतों को गलत ठहराया और कहा कि उनके पक्ष को देखते हुए हाईकोर्ट ने निलंबन पर स्टे कर रखा है। प्रो. अनुराग शुक्ल का कहना है कि उच्च शिक्षामंत्री सभी के हैं। उन्हें हाईकोर्ट के आदेश पर अमल करना चाहिए।
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