[ad_1]
बरहन पुलिस थाना
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
ताजनगरी आगरा में बरहन थाना पुलिस एक बार फिर कठघरे में है। इस बार गंभीर आरोप लगाया गया है। ढाबा संचालक ने पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड़ से शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि दो सिपाही ढाबे से जबरन उठाकर ले गए। थाने में 20 घंटे तक अवैध हिरासत में रखा। चरस बेचना कबूल नहीं करने पर यातनाएं दी गईं। मुंह नहीं खोलने पर छोड़ दिया। अब पीड़ित को डर है कि पुलिस झूठे मुकदमे में फंसा सकती है। मामले में पुलिस आयुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं।
आंवलखेड़ा में आगरा-जलेसर मार्ग पर दो साल से चौधरी फैमिली ढाबा संचालित है। इसका संचालन चिरहोली निवासी धर्मेंद्र सिंह उर्फ भोला चौधरी करते हैं। 21 जनवरी की रात 9 बजे थाना बरहन पुलिस ढाबे पर पहुंची। धर्मेंद्र सिंह को उठाकर ले गई। आरोप लगाया कि पुलिस ने बदसलूकी की। थाने में सिपाही अंशुल कुमार और दीपक कुमार मारपीट करने लगे। 20 घंटे तक प्रताड़ना दी गईं। वह बेहोश भी हो गए।
धर्मेंद्र ने आरोप लगाया कि सिपाही चरस बेचने का आरोप लगा रहे थे। यह कबूल करने के लिए कह रहे थे। जब उन्होंने सिपाहियों की बात नहीं मानी तो मारपीट की। उनके मुंह नहीं खोलने पर 24 घंटे बाद छोड़ दिया है। पिटाई से उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें डर है कि पुलिस फंसा सकती है। किसी झूठे मुकदमे में नामजद नहीं कर दे। बुधवार को पुलिस आयुक्त को प्रार्थनापत्र दिया। वह मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत करेंगे।
एसीपी एत्मादपुर डॉ. सुकन्या शर्मा ने बताया कि 21 जनवरी को फिरोजाबाद के पचोखरा थाने की पुलिस थाना बरहन आई थी। उन्हें इनपुट मिला था कि ढाबे पर गांजे की बिक्री होती है। इस पर ढाबा संचालक को बुलाया गया। उनसे पूछताछ की गई। थाना बरहन पुलिस ने कोई पूछताछ नहीं की थी। पुलिस पर लगे पिटाई के आरोप की जांच कराई जा रही है।
[ad_2]
Source link