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यूपी पुलिस
– फोटो : अमर उजाला
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एटा के मारहरा ब्लॉक क्षेत्र के गांव मरगायां में दो लोगों ने पुलिस चौकी निर्माण के लिए जमीन देने की पेशकश की। पुलिस विभाग ने इसे मंजूर भी कर लिया। लेकिन राजस्व विभाग की ओर से लेखपाल की विरोधी रिपोर्ट ने अड़ंगा लगा दिया है। जमीन को सरकारी बताया जा रहा है।
ये है मामला
गांव के रहने वाले शिदवत्त और विशाल गुप्ता ने अपनी जमीन पुलिस चौकी के लिए देने की पेशकश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से की थी। 200 वर्ग मीटर जमीन आबादी जमीन अपनी बताते हुए इसे स्वेच्छा से दान करने की इच्छा जताई। विशाल ने बताया कि गांव में हमारी पैतृक जमीन है। पिता वीरेंद्र गुप्ता करीब 40 साल पहले गांव में लड़ाई के चलते परिवार को लेकर अलीगढ़ में बस गए। मैं वर्तमान में दिल्ली में रहकर वकालत कर रहा हूं। जो जमीन दान करना चाहते हैं, वो हमारी पैतृक कोठी का हिस्सा है। हमारे प्रस्ताव को एसएसपी ने स्वीकार कर हस्तांतरण व अधिग्रहण के लिए डीएम को पत्र भेजा।
मांगी गई थी जांच रिपोर्ट
इस पत्र के आधार पर तहसील सदर से जांच रिपोर्ट मांगी गई। मौके पर गए लेखपाल ने जांच-पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट में बताया कि यह जमीन ग्राम समाज की है। जिसके बाद इस रिपोर्ट को पुलिस कार्यालय भेज दिया गया। अब इस रिपोर्ट के बाद पुलिस चौकी के लिए प्रक्रिया ठहर गई है। इसे लेकर विशाल ने बताया कि हमारा गांव थाने से करीब 12 किमी दूर है। बीच में अन्य कोई चौकी नहीं है। सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से हमने अपनी जमीन पुलिस चौकी के लिए दान देने का निर्णय लिया था। लेकिन हमारी जमीन को लेखपाल ने गलत तरीके से सरकारी बता दिया है। एसडीएम सदर भावना विमल ने बताया कि मेरे सामने अभी यह मामला नहीं आया है। इसको दिखवाएंगे, जमीन के स्वामित्व के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी।
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