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आगरा के थाना मलपुरा के अभयपुरा गांव से जीजा-साले के अपहरण के मामले में जेल भेजे गए आरपीएफ दरोगा और सिपाहियों का टैक्सी चालक भूरा उर्फ टोंटा फरार है। उसकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। वह पहले भी कई बार जेल जा चुका है। उसके खिलाफ चोरी के मुकदमे दर्ज हैं। आरपीएफ का यह गैंग लंबे समय से उसके इशारे पर चल रहा था। वह ही टॉरगेट चिह्नित करता था।
ये है मामला
सोमवार की रात मलपुरा के गांव अभयपुरा निवासी काजिम और उसके जीजा इकरार का अपहरण हुआ था। आरपीएफ दरोगा सुरेश चौधरी, सिपाही पारुल यादव और नीरज सिंह फिरौती वसूलने आए थे। रंगेहाथ पकड़े गए थे। तीनों को जेल भेजा गया है। घटना में एक और वर्दीधारी शामिल था। जेल जाने से पहले आरोपियों ने उसका नाम बताया था। पुलिस उसके बारे में छानबीन कर रही है। वारदात में भूरा भी शामिल था। छानबीन में खुलासा हुआ था कि भूरा ने ही जीजा-साले का अपहरण कराया था।
पुलिस ने भूरा के बारे में शुरू की छानबीन
मलपुरा पुलिस ने भूरा के बारे में छानबीन शुरू की। पता चला कि शाहगंज के सराय ख्वाजा इलाके में भूरा को ज्यादातर ऑटो और टैक्सी चालक जानते हैं। भूरा उर्फ टोंटा आरपीएफ का मुखबिर है। पहले खुद चोरियां किया करता था। अब आरपीएफ के लिए मुखबिरी करता है।
आरपीएफ थाने का खास था भूरा
आगरा कैंट के टैक्सी चालकों ने बताया कि भूरा आरपीएफ थाने का खास था। आरपीएफ वाले उसकी ही बात सुनते थे। कई बार वह अपने साथी टैक्सी चालकों को भी परेशान करवाता था। एसीपी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि पुलिस को अभी तक जो जानकारी मिली है उसके संबंध में साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जेल भेजे गए आरपीएफ कर्मियों की कॉल डिटेल निकलवाई गई है। चौथे वर्दीधारी की तलाश भी जारी है।
जेल भेजा गया दरोगा और दो सिपाही
आरपीएफ के दरोगा और दो सिपाहियों को फिरौती के लिए अपहरण और मारपीट की धारा में जेल भेजा गया है। जीजा इकरार को राजामंडी आरपीएफ चौकी में पटे से पीटा गया। उसकी चीखें सुनाकर साले काजिम को डराया गया था।
घरवाले नहीं दे पाते फिरौती
उससे घर पर फिरौती के लिए फोन कराया गया था। मुक्त हुए जीजा-साले अभी तक दहशत में हैं। उनका कहना है कि पुलिस नहीं बचाती तो आरोपी उन्हें किसी न किसी गंभीर मामले में फंसाकर जेल भेजे देते। उनके घरवाले किसी भी सूरत में फिरौती नहीं दे पाते।
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