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एसपी सिटी ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों के फुटेज और आरोपियों के चेहरे को फोटो को मिलान के लिए विधि-विज्ञान प्रयोगशाला भेजा था। फिंगर प्रिंट का भी मिलान किया गया। वारदात के लिए ऑफिस में घुसने वाले चारों आरोपियों के चेहरों और फिंगर प्रिंट का मिलान हो गया। यह आरोपियों को सजा दिलाने में अहम साबित होंगे। आरोपपत्र में 10गवाह भी बनाए गए हैं। आठ को डकैती, जबकि बाकी को बरामदगी और षड्यंत्र में शामिल होने का आरोपी बनाया गया है।
इनकी हुई थी गिरफ्तारी
पुलिस ने डकैती के मामले में खंदौली के रामनगर निवासी पवन और उसके भाई राजू, भूरा, मां अनीता, बहन प्रियंका व बच्चू सिंह परमार, सागर परमार, दीपक शर्मा और उसकी मां संगीता, बसंत परमार, नेत्रपाल, खंदौली के गांव बमान निवासी देवा और उसके पिता ओमवीर, ताजगंज के मंशा की मढ़ैया निवासी रवि पाठक, खंदौली के गांव नगला धमाली निवासी आकाश, फतेहपुर सीकरी के गांव औलेंडा निवासी रानू और उसके भाई लाभानू, पिता खुशीराम व हरिओम परमार, संदीप राठौर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
आरोपियों से 24.59 लाख रुपये, वारदात में प्रयुक्त स्कॉर्पियो, बाइक और सात तमंचे बरामद किए गए। गांव औलेंडा के रूपकिशोर, नगला धमाली के विकास चौहान और कुंडा, हाथरस के सत्यपाल अभी भी फरार हैं।
हिस्ट्रीशीटर ने दोस्त संग रची थी साजिश
केस के विवेचक कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक सुभाषचंद पांडेय थे। उन्होंने बताया कि वारदात की साजिश संदीप राठौर और हरिओम ने रची थी। दोनों दोस्त हैं। संदीप फतेहपुर सीकरी थाना का हिस्ट्रीशीटर भी है। उनकी पहचान गांव औलेंडा के आकाश चौहान से थी। उन्होंने लूट की साजिश रची।
रानू सिसौदिया ने रेकी की। वारदात में होमगार्ड ओमवीर का बेटा देवा भी शामिल था। पुलिस को घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों से सुराग मिला था। कूरियर कंपनी के कार्यालय में दीपक, देवा, पवन और सागर परमार घुसे थे, जबकि रानू, हरिओम, आकाश और संदीप राठौर बाहर रहकर नजर रखे हुए थे।
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