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पुलिस अफसरों ने पीड़ित परिवार से जाना सिपाही का हाल
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के गौतमबुद्ध नगर में ड्यूटी के दौरान हुए हादसे के बाद कोमा में गए सिपाही सागर सिंह के परिजन को पुलिस विभाग से उम्मीद की किरण दिखी है। पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह के आदेश पर बृहस्पतिवार को अपर पुलिस उपायुक्त शिवराम यादव ने घर जाकर सिपाही का हाल जाना। विभागीय स्तर पर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं पिता ने उन्हें असाधारण पेंशन देने की मांग की है।
खंदौली के गांव हसनपुरा निवासी विशंभर सिंह घर में ही परचून की दुकान चलाते हैं। उनके दो बेटे और एक बेटी है। बड़ा बेटा सागर सिंह वर्ष 2016 में पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था। उसकी पहली तैनाती गौतमबुद्ध नगर के थाना फेस-दो में थी। चार सितंबर 2017 को वह बाइक पर समन तामील करने के लिए थाने से रवाना किया गया था। नगला कट के यू-टर्न पर एक स्कूटी से टक्कर हो गई। सागर गंभीर घायल हो गया, वह कोमा में चला गया। तब से ठीक नहीं हो सका है। परिजन घर में ही उसकी देखभाल कर रहे हैं।
पुलिस कमिश्नर को बताई थी पीड़ा
पिता विशंभर सिंह ने सोमवार को पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह को अपनी पीड़ा बताई थी। कहा कि नवंबर 2021 में विभाग ने सागर को अनफिट होने की वजह से अनिवार्य सेवानिवृत्त कर दिया। इसके बाद 3080 रुपये पेंशन जारी कर दी, जबकि सागर की दवा और खाने-पीने पर ही हर महीने 10-12 हजार रुपये आता है। मामले में पुलिस आयुक्त ने जांच के आदेश किए।
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