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आगरा पुलिस
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद कानून व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन हो जाएगा। कभी नाली साफ करने को लेकर कहासुनी हो गई तो कभी गाड़ी खड़ी करने को लेकर लात-घूंसे चल गए। पति ने पीटा है, सास और देवर से झगड़ा हुआ है। घर के आगे कुत्ता टहलाने से लेकर कूड़ा डालने में झगड़े के अक्सर विवाद होते हैं। पुलिस अब तक इन पर शांतिभंग की कार्रवाई करती थी। अब कमिश्नरेट में ऐसे झगड़े हों तो आपा न खोएं वरना जेल भेज दिए जाएंगे।
कमिश्नरेट में पुलिस को मजिस्ट्रेटी शक्तियां मिल गई हैं। एसीपी की कोर्ट बनाई जाएंगी। इनमें शांतिभंग के मामलों में भी सुनवाई होगी। गालीगलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी के मामले में पुलिस थाने ले जाकर शांतिभंग में कार्रवाई करती है। कई बार मुकदमा दर्ज भी होता है। सात साल से कम की सजा होने के कारण अक्सर इन्हें जमानत मिल जाती थी। अब कमिश्नरेट व्यवस्था में अब इस धारा में जमानत देने और जेल भेजने का अधिकार एसीपी को होगा। मामले की गंभीरता के हिसाब से एसीपी निर्णय लेंगे। इसमें जेल भेजने की कार्रवाई भी हो सकती है। वहीं एक बार 151 की कार्रवाई होने के बाद आरोपियों को सीआरपीसी की धारा 107/116 में पाबंद भी किया जाएगा।
भूमि विवाद में भी होगी सुनवाई
सीआरपीसी की धारा 133 में रास्ते के विवाद और 145 में भूमि संबंधी विवादों का निस्तारण भी एसीपी की कोर्ट में किया जाएगा। इससे पहले एसडीएम कोर्ट में साक्ष्य परीक्षण किया जाता था। इसके बाद निर्णय होता था। अब एसीपी सीधे ऐसे मामलों में सुनवाई कर साक्ष्य के आधार पर निर्णय लेंगे।
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यातायात पर होगा नियंत्रण
शहर में यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी भी आईपीएस अधिकारी पर होगी। पुलिस यातायात संबंधी समस्याओं के नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्रवाई करेगी।
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