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थानाध्यक्ष खंदौली आनंदवीर सिंह ने बताया कि मथुरा के फरह स्थित धर्मपुरा निवासी ममता की शादी जनवरी 2016 में हुई थी। एक बेटा आरव है। मनमोहन पत्नी पर शक करता था। उसे लगता था कि ममता के किसी से अवैध संबंध हैं। इसके बाद से दोनों के बीच बन नहीं रही थी।
दोनों घर में एक साथ रहते थे, लेकिन एक दूसरे से कम ही बात करते थे। उनके बीच कोई संबंध भी नहीं थे। इसी बीच बेटी पैदा हुई। उसे शक था कि बेटी उसकी नहीं है। इस बारे में पत्नी से पूछा, लेकिन वो यही कहती रही कि बेटी उसी की औलाद है। इस बात पर कई बार झगड़ा भी हुआ। इससे वह परेशान था।
घटना वाले दिन मनमोहन का ममता से झगड़ा हो गया। उसने ममता की पिटाई कर दी। इस दौरान शीशा टूट गया। ममता का गला दबा दिया। इसके बाद टूटे कांच से गला भी रेता। इसी बीच बेटी जाग गई। वह रोने लगी।
मनमोहन को लगा कि बेटी के रोने की आवाज सुनकर कोई आ जाएगा। इसलिए उसका भी गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद पैदल ही भाग गया। वह एक्सप्रेसवे के रास्ते पहले कानपुर फिर मथुरा और जोधपुर भाग गया था। उसे अपने किये पर कोई अफसोस नहीं है।
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