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हे राम… बापू की प्रतिमाओं का ये क्या किया हाल?
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर भी शहर में उनकी प्रतिमाओं की दुर्दशा कायम रही। यमुना पार गांधी स्मारक बदहाल पड़ा रहा तो राजश्री टॉकीज के पास बापू की प्रतिमा कीचड़ के बीच बनी रही। यहां नगर निगम के सफाई कर्मचारी अपनी ठेल भी प्रतिमा से सटाकर चले गए।
यही हाल प्रतापपुरा स्थित गांधी प्रतिमा का रहा। इसका चश्मा और लाठी 10 साल से गायब है। केंद्र सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छता के संदेश पर ही स्वच्छता अभियान चला रही है लेकिन रामनगर पुलिया, कलेक्ट्रेट, रावली स्थित प्रतिमाओं के पास भी सफाई नहीं की गई।
आगरा में गांधी पर पहला व्याख्यान
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के एक साल बाद सबसे पहले आगरा विश्वविद्यालय ने गांधी व्याख्यानमाला की शुरुआत की थी। वर्ष 1949 में आगरा विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में आयोजित गांधी व्याख्यानमाला में गांधीवादी नेता आचार्य कृपलानी मुख्य वक्ता थे। उन्होंने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा था कि देश ने गांधीवाद का उतना साथ नहीं दिया, जितना देना चाहिए था। देश के लोग भविष्य में गांधीजी की महानता को समझेंगे। वह युग निर्माता थे।
एमडी जैन इंटर कॉलेज में गांधी कला मंदिर
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आगरा में प्रवास के कारण उनके निधन के एक साल बाद ही एमडी जैन इंटर कॉलेज ने 21 नवंबर, 1949 को गांधी भारतीय कला मंदिर की स्थापना की, जिसका उद्घाटन करने के लिए तत्कालीन शिक्षा मंत्री डॉ. संपूर्णानंद आए थे।
अमर उजाला ने पेश की थी श्रद्वांजलि
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि और जयंती पर अमर उजाला ने लगातार विशेष कवरेज दीं। वर्ष 1949 में पहले पेज पर ही बापू के चित्र के साथ उनका प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ का उल्लेख किया और हरिजन में प्रकाशित बापू के लेखों को सीरीज में प्रकाशित किया गया। 1949 में ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रोशन लाल गुप्त करुणेश, सांसद रहे देवकी नंदन विभव के लेखों को भी प्रकाशित किया गया था।
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