[ad_1]
बैठक में मौजूद कारोबारी
– फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट द्वारा ताजमहल के 500 मीटर परिधि में व्यवसायिक गतिविधियों पर रोक के मामले में बृहस्पतिवार को ताजगंज के लोगों ने शाम को पूर्वी गेट स्थित पाठक प्रेस के सामने पार्क में बैठक की, जिसमें अपनी रोजी रोटी के लिए दुकानदारों ने संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया। समिति का अध्यक्ष पूर्व विधायक केशो मेहरा को बनाने का प्रस्ताव दिया गया, जिस पर आज शाम होने वाली बैठक में तय किया जाएगा। इस बैठक में तय हुआ कि पहले मुख्यमंत्री और फिर सुप्रीम कोर्ट तक अपनी आवाज पहुंचाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए ताजगंज के हर व्यापारी से आर्थिक सहयोग मांगा जा रहा है।
बैठक में छावनी के विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने कहा कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अधिवक्ता की मदद दिलाने का प्रयास किया जाएगा। कोर्ट में प्रभावी पैरवी के लिए हर संभव मदद की जाएगी। वहीं, पूर्व विधायक केशो मेहरा ने 1996 के मामले की याद दिलाई और कहा कि कोर्ट के आदेश की मनमानी व्याख्या की जा रही है। मेहरा को उनके अनुभव के कारण समिति का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया, पर उन्होंने कहा कि कोई स्थानीय व्यक्ति ही संघर्ष समिति का अध्यक्ष बनाया जाए। इस पर शुक्रवार को होने वाली बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
ये रहे मौजूद
बैठक में होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान, होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रमेश वाधवा ने ताजगंज के निवासियों के संघर्ष को समर्थन प्रदान किया। इस दौरान रमाकांत सारस्वत, ताहिरउद्दीन ताहिर, इब्राहिम जैदी, संजय अरोड़ा, अमित दत्ता, संदीप अरोड़ा समेत ताजगंज के प्रमुख लोग मौजूद रहे।
जीविका के अधिकार के जरिए दायर करेंगे याचिका
पूर्व विधायक केशो मेहरा ने बताया कि पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की याचिका में समानता के अधिकार वाले अनुच्छेद 14 को आधार बनाया गया है, जबकि संविधान का अनुच्छेद 39 (जीविका का अधिकार) लोगों को रोजी-रोटी कमाने का अधिकार देता है, यह मौलिक अधिकार है। इससे किसी को वंचित नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में इसी आधार पर पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी।
कोर्ट के सामने सही तथ्य पेश करें
याचिकाकर्ता ने केवल पश्चिमी गेट पर एडीए की ओर से बनाई अवैध दुकानों को हटाने की मांग की है, पर आदेश पूरे क्षेत्र के लिए हुआ है। कोर्ट के सामने सही तथ्य पेश किए जाएं। दक्षिणी गेट पर बाजार मुगल काल से है। – शोभाराम राठौर, पार्षद, ताजगंज
भीड़ व बंदरों पर नियंत्रण जरूरी
दुनिया के कई देशों में स्मारकों के पास दुकानें हैं। खुद कोर्ट की ओर से बनाई महाजन कमेटी ने ताजगंज को लाइव हेरिटेज माना है। दुकानों से ज्यादा जरूरी भीड़ नियंत्रण, बंदरों, कुत्तों से पर्यटकों को बचाने की जरूरत है। प्रशासन पहले यह काम करे। – लवकुश मिश्रा, डायरेक्टर, आईटीएचएम
[ad_2]
Source link