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लक्ष्मी हथिनी का अत्यधिक वजन उसके शरीर पर बुरा प्रभाव डाल रहा था। इस बात से चिंतित संस्था के पशु चिकित्सा अधिकारियों ने लक्ष्मी को पौष्टिक आहार पर रखा। नियमित रूप से सुबह शाम वॉक भी प्रारंभ करवाई। यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसका वज़न कम हो सके। नतीजन आज लक्ष्मी हथिनी सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जी रही है।
एक सितंबर से शुरू हुए ‘30-मील वॉक चैलेंज’ में दुनिया भर से 4,000 से अधिक प्रतिभागी जुड़ चुके हैं। पहल से जुड़े रहे लोग ‘टीम लक्ष्मी’ में शामिल हो रहे हैं, जिसमें वे पूरे महीने में 30 मील की दूरी तय करेंगे, जो लक्ष्मी एक महीने में चलती है। साथ ही साथ हाथियों की देखभाल के लिए दान भी करेंगे।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि दुनिया भर से लोगों को हाथियों की मदद करने के लिए इस पहल में हिस्सा लेना और वॉक पर निकलने के लिए समय निकालना प्रेरणादायक है। भारत एशियाई हाथियों की आबादी का अंतिम गढ़ है और हम सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होना चाहिए, जिससे यह विरासत संरक्षित रहे।
वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव गीता शेषमणि ने कहा कि हम उन सभी के आभारी हैं, जो 30-माइल वॉक चैलेंज में भाग ले रहे हैं। इस पहल के माध्यम से हम इन हाथियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ा सकते हैं। यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वाइल्डलाइफ एसओएस में हाथियों को उच्च स्तरीय देखभाल और प्यार ऐसे ही मिलता रहे।
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