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आगरा के अकोला ब्लॉक के कराहरा में झोलाछाप की दवाओं से बुखार से पीड़ित बालिका की तबियत और खराब हो गई। उसे निजी अस्पताल से एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। एसएन में पहुंचने के बाद आधे घंटे के बाद ही बालिका की मौत हो गई। सूचना पर शुक्रवार को झोलाछाप की तलाश में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। झोलाछाप की दुकान और घर दोनों जगहों पर ताला लगा था।
नगला अजीता गांव की निवासी शालिनी (12 वर्ष) पुत्री हरिओम को 24 सितंबर को तेज बुखार आया था। 25 सितंबर को परिवारीजन ने कराहरा में झोलाछाप को दिखाया। उसने दवाएं दीं। इसके बाद बालिका की तबियत और खराब हो गई। उल्टी होने लगी। परिवारीजन उसे एसआर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। उसे वहां रक्त चढ़ाया गया। सुधार न होने पर 26 सितंबर की सुबह एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। भर्ती होने के आधे घंटे बाद ही बालिका की मौत हो गई।
बंद मिली झोलाछाप की दुकान
बालिका की झोलाछाप की ओर से इलाज किए जाने की सूचना शुक्रवार को एसीएमओ डॉ. नंदन सिंह को दी गई। उनके निर्देश पर सीएचसी अकोला के प्रभारी डॉ. केके शर्मा टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो झोलाछाप की दुकान बंद मिली। पास में ही घर था, उस पर भी ताला लगा था। पूछने पर कोई नाम नहीं बता पाया। सभी उसे बंगाली डॉक्टर के नाम से बुलाते हैं।
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