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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
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धर्म और संस्कृति के जिस देश में 24 करोड़ देवी देवताओं की मान्यता है उस भारत में देवभाषा संस्कृत विलुप्त होने के कगार पर है। एक अरब से अधिक आबादी के देश में 24 हजार 821 लोग संस्कृत भाषा बोलना जानते हैं। जन सूचना अधिकार (आरटीआई) में यह जानकारी गृह मंत्रालय के महा रजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय के भाषा विभाग से प्राप्त हुई है। 2011 की जनगणना के अनुसार कुल आबादी के अनुपात में महज 0.002 प्रतिशत लोग संस्कृत बोल पातें हैं। यह दर शून्य के करीब है।
आगरा के कालीबाड़ी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता डॉ देवाशीष भट्टाचार्य ने आरटीआई में संस्कृत भाषा के बारे में भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय के भाषा विभाग से सूचनाएं मांगी थीं। जवाब में महारजिस्ट्रार कार्यालय के रिसर्च ऑफिसर डॉ नक्कीरर ने बताया है कि आखिरी जनगणना 2011 के अनुसार देश में संस्कृत भाषा बोलने वालों की संख्या 24,821 यानी कुल आबादी के अनुपात में 0.002 फीसदी है।
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