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आगरा के जटपुरा खटीपाड़ा स्थित श्री राम मंदिर
– फोटो : अमर उजाला
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शिवालयों के शहर आगरा में भगवान राम के मंदिर और उनक भक्तों की संख्या भी कम नहीं है। लोहामंडी स्थित जटपुरा खातीपाड़ा में शहर का प्राचीनतम राम मंदिर है। यहां स्थापित भगवान के विग्रह पुरातत्व महत्व वाले हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इनकी प्राचीनता परखी हुई है। इसी मंदिर से प्राचीनतम दशहरा शोभायात्रा निकाली जाती है।
मंदिर के प्रबंधक रामदास कटारा बताते हैं कि मंदिर की स्थापना राजा टोडरमल ने कराई थी। यहां रखे भगवान राम-लक्ष्मण-सीता और हनुमान जी के विग्रह करीब 300 साल पुराने हैं। इस मंदिर से ही पहली बार डोली और कहारों की मदद से दशहरा शोभायात्रा निकाली गई। मिट्टी की तेल की लालटेन की रोशनी में ये शोभायात्रा निकाली गई थी।
इसके बाद साल दर साल शोभायात्रा का स्वरूप भव्य होता गया। मंदिर में मुख्य रूप से राम दरबार ही प्राचीन काल से स्थापित है। बाद में भक्तों ने यहां लड्डू गोपाल का विग्रह स्थापित किया गया। स्थानीय महिलाओं ने आपसी सहयोग से एक सत्संग हाल भी मंदिर परिसर में बना लिया है जहां नियमित सुबह-शाम सत्संग होता है।
ऐसे पहुंचे
जटपुरा खातीपाड़ा स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए मदिया कटरा से लोहामंडी के लिए आगे बढ़ते हैं तो ताता के ताल पर कैलादेवी के मंदिर से बांई ओर आगे बढ़ने पर सड़क पर फिर से बाईं ओर आगे बढ़ने पर जटपुरा खातीपाड़ा मार्ग पर मंदिर स्थित है।
मंदिर अति प्राचीन है। पुरातत्व विभाग इन मूर्तियों की प्राचीनता का आकलन कर चुका है। उनकी रिपोर्ट में भी मूर्तियां 300 साल से अधिक प्राचीन बताई गई हैं। क्षेत्र के बुजुर्ग बताते हैं कि उनके बुजुर्गों के समय से यह मंदिर यहां स्थापित है। -रामदास कटारा, प्रबंधक
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