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मैनपुरी। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय इन दिनों नोटिस कार्यालय बनाता जा रहा है। यहां से प्रतिदिन पांच से छह नोटिस ग्राम पंचायतों या पंचायत सचिव को जारी किए जा रहे हैं। यह सिलसिला बीते एक माह से चल रहा है। लेकिन आज तक एक भी नोटिस पर कार्रवाई नहीं हुई।
जिले में कुल 549 ग्राम पंचायतें हैं। इन ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के संचालन का जिम्मा ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव पर होता है। अगर कहीं कोई गड़बड़ी सामने आती है तो ग्राम पंचायत या पंचायत सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाता है। जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाती है। कई मामलों में जहां जवाब के बाद मामला खत्म हो जाता है तो कई में कार्रवाई की जाती है। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से बीते एक माह से लगातार औसतन प्रतिदिन पांच से छह नोटिस जारी हो रहे हैं। ये नोटिस अलग-अलग कारण बताकर जारी किए जा रहे हैं। किसी में ग्राम पंचायत में विकास कार्यों पर गलत तरीके से धनराशि खर्च करने का नोटिस जारी किया जाता है तो किसी को गेटवे इसे इतर भुगतान करने के लिए नोटिस जारी होता है। अब एक सैकड़ा से अधिक नोटिस जिला पंचायत राज अधिकारी अविनाश चंद्र द्वारा जारी किए जा चुके हैं। आज तक किसी भी नोटिस के मामले में डीपीआरओ ने कार्रवाई नहीं की। आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि इतने बड़े पैमाने पर पर नोटिस जारी हुए और किसी भी मामले में कोई दोषी ही नहीं था।
अगर सब ठीक ही थी तो डीपीआरओ ने नोटिस ही जारी क्यों किया। पूरे पंचायत राज विभाग और विकास भवन में इसकी चर्चाएं हैं।
डीएम और सीडीओ को नहीं जाती प्रतिलिपि
जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से जारी होने वाले अधिकांश नोटिस सीधे ही भेजे जाते हैं। जिलाधिकारी या मुख्य विकास अधिकारी को उनकी प्रतिलिपि भी नहीं भेजी जाती है। आखिर उच्चाधिकारियों को प्रतिलिपि न भेजे जाने कारण साफ है कि उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है।
जो भी नोटिस भेजे जाते हैं वे ग्राम पंचायत में कमियां या नियम के विपरीत कोई कार्य करने के लिए भेजे जाते हैं। अगर जरूरी होगा तो कार्रवाई भी की जाएगी। इसमें इरादतन नोटिस जारी करने जैसी कोई बात नहीं है
-अविनाश चंद्र, डीपीआरओ।
अगर ग्राम पंचायत और पंचायत सचिवों को अनायास नोटिस जारी किए जा रहे हैं, तो इसकी जानकारी की जाएगी। डीपीआरओ से अब तक जारी हुए नोटिस के संबंध में जानकारी की जाएगी। सरकारी विभाग में जो भी कार्य होगा नियमानुसार ही होगा।
-विनोद कुमार, मुख्य विकास अधिकारी।
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मैनपुरी। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय इन दिनों नोटिस कार्यालय बनाता जा रहा है। यहां से प्रतिदिन पांच से छह नोटिस ग्राम पंचायतों या पंचायत सचिव को जारी किए जा रहे हैं। यह सिलसिला बीते एक माह से चल रहा है। लेकिन आज तक एक भी नोटिस पर कार्रवाई नहीं हुई।
जिले में कुल 549 ग्राम पंचायतें हैं। इन ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के संचालन का जिम्मा ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव पर होता है। अगर कहीं कोई गड़बड़ी सामने आती है तो ग्राम पंचायत या पंचायत सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाता है। जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाती है। कई मामलों में जहां जवाब के बाद मामला खत्म हो जाता है तो कई में कार्रवाई की जाती है। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से बीते एक माह से लगातार औसतन प्रतिदिन पांच से छह नोटिस जारी हो रहे हैं। ये नोटिस अलग-अलग कारण बताकर जारी किए जा रहे हैं। किसी में ग्राम पंचायत में विकास कार्यों पर गलत तरीके से धनराशि खर्च करने का नोटिस जारी किया जाता है तो किसी को गेटवे इसे इतर भुगतान करने के लिए नोटिस जारी होता है। अब एक सैकड़ा से अधिक नोटिस जिला पंचायत राज अधिकारी अविनाश चंद्र द्वारा जारी किए जा चुके हैं। आज तक किसी भी नोटिस के मामले में डीपीआरओ ने कार्रवाई नहीं की। आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि इतने बड़े पैमाने पर पर नोटिस जारी हुए और किसी भी मामले में कोई दोषी ही नहीं था।
अगर सब ठीक ही थी तो डीपीआरओ ने नोटिस ही जारी क्यों किया। पूरे पंचायत राज विभाग और विकास भवन में इसकी चर्चाएं हैं।
डीएम और सीडीओ को नहीं जाती प्रतिलिपि
जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से जारी होने वाले अधिकांश नोटिस सीधे ही भेजे जाते हैं। जिलाधिकारी या मुख्य विकास अधिकारी को उनकी प्रतिलिपि भी नहीं भेजी जाती है। आखिर उच्चाधिकारियों को प्रतिलिपि न भेजे जाने कारण साफ है कि उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है।
जो भी नोटिस भेजे जाते हैं वे ग्राम पंचायत में कमियां या नियम के विपरीत कोई कार्य करने के लिए भेजे जाते हैं। अगर जरूरी होगा तो कार्रवाई भी की जाएगी। इसमें इरादतन नोटिस जारी करने जैसी कोई बात नहीं है
-अविनाश चंद्र, डीपीआरओ।
अगर ग्राम पंचायत और पंचायत सचिवों को अनायास नोटिस जारी किए जा रहे हैं, तो इसकी जानकारी की जाएगी। डीपीआरओ से अब तक जारी हुए नोटिस के संबंध में जानकारी की जाएगी। सरकारी विभाग में जो भी कार्य होगा नियमानुसार ही होगा।
-विनोद कुमार, मुख्य विकास अधिकारी।
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