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वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे मरीज
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा में कुत्ता-बंदर के अलावा अन्य जानवरों के काटने पर एआरवी (एंटी रैबीज वैक्सीन) के लिए लोग जागरूक हो रहे हैं। जिला अस्पताल में ऊंट-खच्चर, चूहा-बिल्ली के काटे मरीज भी बढ़ रहे हैं। सबसे ज्यादा मरीज कुत्ता काटने के ही हैं।
जिला अस्पताल में बीते 10-15 दिन से एआरवी ओपीडी में मरीज दोगुना से अधिक हो गए हैं। अभी औसतन रोजाना 350 मरीज आ रहे हैं। अस्पताल के फरवरी के महीने की रिपोर्ट की बात करें तो इसमें 4167 मरीजों को कुत्ते ने काटा था। 418 मरीज बंदर काटे के रहे। 43 मरीजों को बिल्ली ने काटा। 15 मरीज ऐसे रहे, जिनको चूहा, गधा-खच्चर, ऊंट और सियार ने काट लिया था।
प्रमुख अधीक्षक डॉ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि 15 मार्च के बाद मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी। फरवरी के मुकाबले मार्च में ओपीडी दोगुना हुई है। कुत्ता-बंदर के अलावा बिल्ली, गधा, ऊंट समेत अन्य जानवर काटे के भी मरीज एआरवी लगवाने आ रहे हैं।
घाव पर नमक-मिर्च से संक्रमण तेजी से बढ़ता
नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि रैबीज से संक्रमित जानवर के काटे जाने पर ही एआरवी लगाया जाता है। कई बार जानवर मेंं इसकी पुष्टि नहीं हो पाने पर एआरवी लगाते हैं। चूहा-बिल्ली, समेत अन्य जानवर काट ले तो इसे लापरवाही में न लें।
24 घंटे में एआरवी लगवाना जरूरी
कई बार कुत्ता-बंदर काटने पर घाव पर नमक-मिर्च लगा देते हैं। इससे रक्तसंचार तेज होने से संक्रमण तेजी से फैलता है। घाव को ऊपर से पानी डालते हुए औषधीय साबुन से 10 मिनट तक धोएं। 24 घंटे में एआरवी और टिटनेस का इंजेक्शन जरूर लगवा लें।
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