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कासगंज। जिला में इस साल फिर से डेंगू महामारी की तरह से फैल रहा है, लेकिन डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारी फुस्स हो गई है। विभाग ने अभी तक न तो दवा का ही इंतजाम किया है और न ही केेरोसिन की व्यवस्था। सरकारी आंकड़ों में यह आंकड़ा भले ही 51 तक पहुंचा हो, लेकिन हकीकत में यह आंकड़ा कहीं अधिक है।
जिला में डेंगू पहली बार अपना कहर नहीं बरपा रहा। हर साल ही डेंगू के मामले सामने आते हैं। वर्ष 2021 की बात की जाए तो जनपद में डेंगू से 132 लोगों की जान चली गई। वहीं, डेंगू संक्रमितों का आंकड़ा 500 तक पहुंच गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में 227 डेंगू संक्रमित दर्ज किए गए। मौत कोई रिकार्ड नहीं हुई। विभाग ने पिछले वर्ष बड़े पैमाने पर डेंगू के मामले सामने आने के बाद भी कोई सबक नहीं लिया। जिससे इस साल फिर से डेंगू की दस्तक हो गई। एक माह से जिला में प्रतिदिन ही डेंगू संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। यदि सरकारी आंकड़ों को ही सही मान लिया जाए तो अब तक आठ गांव में डेंगू संक्रमित सामने आ चुके हैं। इन गांवों में 51 मरीज संक्रमित निकल चुके हैं। जबकि काफी संख्या में ऐसे गांव हैं, जिनमें डेंगू से संक्रमित लोग बाहरी जनपदों में जाकर अपना इलाज करा रहे हैँ। जिला में डेंगू का प्रकोप फैल जाने के बाद भी विभाग की नींद नहीं खुली है। डेंगू मच्छर को नष्ट करने के लिए पायरेथ्रम दवा कारगर होती है। यह दवा केरोसिन में मिलाकर छिड़काव कराई जाती है। जिस परिवार में डेंगू संक्रमित निकलता है उस घर के अलावा आसपास के 60 घरों में दवा का छिड़काव कराना होता है, लेकिन विभाग ने इस साल अभी तक एक बूंद न तो दवा की ही खरीद की है और न हीं केरोसिन ही खरीदा है। इस दवा का छिड़काव न हो पाने से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार मामले सामने आ रहे हैं।
ग्राम प्रधानों के कंधों पर डाली जिम्मेदारी
कासगंज। डेंगू की दवा के छिड़काव कराने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की रहती है, लेकिन विभाग ने अपनी यह जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों के कंधों पर डाल रखी है। ग्राम प्रधान पायरेथ्रम दवा को तो छिड़काव तो नहीं करा रहे , लेकिन उनके द्वारा फोगिंग शुरू कर दी गई है। जिससे मच्छरों के प्रकोप को रोका जा सके।
सरकारी रिकार्ड में दर्ज डेंगू मरीज
वर्ष संक्रमितों की संख्या
2021 – 227
2022 अब तक – 51
गांव में काफी संख्या में डेंगू के मरीज निकल चुके हैं। विभाग की टीमों ने गांव में पहुंचकर मरीजों की जांच तो कराई, लेकिन दवा का छिड़काव नहीं कराया। दवा छिड़काव स्वयं कराने के लिए बोल दिया गया। अपने स्तर से दवा का छिड़काव कराया गया है। – मानपाल, ग्राम प्रधान तैयबपुर कमालपुर
गांव में कई लोग डेंगू की चपेट में हैं, लेकिन अभी तक टीम नहीं आई है। बाहरी जनपदों में इलाज कराया जा रहा है। वे स्वयं ही गांव में दवा का छिड़काव कराने के साथ ही गांव की साफ सफाई करा रहे हैं। गांव में पिछले साल कई मरीजों की डेंगू से मौत भी हो गई थी। – जितेंद्र, ग्राम प्रधान बढ़ारी बैस
विभाग ने इस साल पायरेथ्रम दवा की खरीद नहीं की है। केरोसिन का शासन स्तर से इंतजाम नहीं किया गया है। पिछले साल की 90 लीटर दवा स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टॉक में है, केरोसिन न होने से इस दवा का छिड़काव नहीं कराया जा सका है। एंटीलार्वा दवा का छिड़काव व फोगिंग कराई जा रही है- आलम सिंह, प्रभारी मलेरिया अधिकारी
कासगंज। जिला में इस साल फिर से डेंगू महामारी की तरह से फैल रहा है, लेकिन डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारी फुस्स हो गई है। विभाग ने अभी तक न तो दवा का ही इंतजाम किया है और न ही केेरोसिन की व्यवस्था। सरकारी आंकड़ों में यह आंकड़ा भले ही 51 तक पहुंचा हो, लेकिन हकीकत में यह आंकड़ा कहीं अधिक है।
जिला में डेंगू पहली बार अपना कहर नहीं बरपा रहा। हर साल ही डेंगू के मामले सामने आते हैं। वर्ष 2021 की बात की जाए तो जनपद में डेंगू से 132 लोगों की जान चली गई। वहीं, डेंगू संक्रमितों का आंकड़ा 500 तक पहुंच गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में 227 डेंगू संक्रमित दर्ज किए गए। मौत कोई रिकार्ड नहीं हुई। विभाग ने पिछले वर्ष बड़े पैमाने पर डेंगू के मामले सामने आने के बाद भी कोई सबक नहीं लिया। जिससे इस साल फिर से डेंगू की दस्तक हो गई। एक माह से जिला में प्रतिदिन ही डेंगू संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। यदि सरकारी आंकड़ों को ही सही मान लिया जाए तो अब तक आठ गांव में डेंगू संक्रमित सामने आ चुके हैं। इन गांवों में 51 मरीज संक्रमित निकल चुके हैं। जबकि काफी संख्या में ऐसे गांव हैं, जिनमें डेंगू से संक्रमित लोग बाहरी जनपदों में जाकर अपना इलाज करा रहे हैँ। जिला में डेंगू का प्रकोप फैल जाने के बाद भी विभाग की नींद नहीं खुली है। डेंगू मच्छर को नष्ट करने के लिए पायरेथ्रम दवा कारगर होती है। यह दवा केरोसिन में मिलाकर छिड़काव कराई जाती है। जिस परिवार में डेंगू संक्रमित निकलता है उस घर के अलावा आसपास के 60 घरों में दवा का छिड़काव कराना होता है, लेकिन विभाग ने इस साल अभी तक एक बूंद न तो दवा की ही खरीद की है और न हीं केरोसिन ही खरीदा है। इस दवा का छिड़काव न हो पाने से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार मामले सामने आ रहे हैं।
ग्राम प्रधानों के कंधों पर डाली जिम्मेदारी
कासगंज। डेंगू की दवा के छिड़काव कराने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की रहती है, लेकिन विभाग ने अपनी यह जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों के कंधों पर डाल रखी है। ग्राम प्रधान पायरेथ्रम दवा को तो छिड़काव तो नहीं करा रहे , लेकिन उनके द्वारा फोगिंग शुरू कर दी गई है। जिससे मच्छरों के प्रकोप को रोका जा सके।
सरकारी रिकार्ड में दर्ज डेंगू मरीज
वर्ष संक्रमितों की संख्या
2021 – 227
2022 अब तक – 51
गांव में काफी संख्या में डेंगू के मरीज निकल चुके हैं। विभाग की टीमों ने गांव में पहुंचकर मरीजों की जांच तो कराई, लेकिन दवा का छिड़काव नहीं कराया। दवा छिड़काव स्वयं कराने के लिए बोल दिया गया। अपने स्तर से दवा का छिड़काव कराया गया है। – मानपाल, ग्राम प्रधान तैयबपुर कमालपुर
गांव में कई लोग डेंगू की चपेट में हैं, लेकिन अभी तक टीम नहीं आई है। बाहरी जनपदों में इलाज कराया जा रहा है। वे स्वयं ही गांव में दवा का छिड़काव कराने के साथ ही गांव की साफ सफाई करा रहे हैं। गांव में पिछले साल कई मरीजों की डेंगू से मौत भी हो गई थी। – जितेंद्र, ग्राम प्रधान बढ़ारी बैस
विभाग ने इस साल पायरेथ्रम दवा की खरीद नहीं की है। केरोसिन का शासन स्तर से इंतजाम नहीं किया गया है। पिछले साल की 90 लीटर दवा स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टॉक में है, केरोसिन न होने से इस दवा का छिड़काव नहीं कराया जा सका है। एंटीलार्वा दवा का छिड़काव व फोगिंग कराई जा रही है- आलम सिंह, प्रभारी मलेरिया अधिकारी
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