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मैनपुरी। लखनऊ के होटल में दो सप्ताह पहले हुई अग्निकांड की घटना को जिले के अफसर भूल गए हैं। शायद इसीलिए अब जिले में किसी भी तरह का अभियान नहीं चल रहा है। होटल और रेस्टोरेंट आज भी बिना आग बुझाने के इंतजामों के ही चल रहे हैं। हादसे के वक्त अफसरों ने कुछ निजी प्रतिष्ठान तो चेक किए, लेकिन सरकारी दफ्तरों पर ध्यान नहीं दिया। जिले के अधिकांश सरकारी दफ्तरों में आग बुझाने के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं।
सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में आपात स्थिति से निपटने के लिए आग बुझाने के इंतजाम होने चाहिए। जिले के अधिकांश सरकारी दफ्तरों में अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हुए हैं। जहां लगे हैं, वहां कर्मचारियों को उन्हें इस्तेमाल करना नहीं आता है। ऐसा तब है, जब लखनऊ के होटल में हुई अग्निकांड की घटना के बाद शासन ने सावधानी बरतने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। लखनऊ के एक होटल में लगी आग के बाद शासन के निर्देश पर शहर में भी अभियान चलाया गया था। अधिकारियों की टीम ने दो दिन तक चलाए गए अभियान में निजी प्रतिष्ठान तो चेक किए, लेकिन सरकारी कार्यालयों में आग लगने पर आपात स्थिति से निपटने के लिए इंतजामों पर ध्यान ही दिया है।
एआरटीओ कार्यालय
कलक्ट्रेट परिसर में बने एआरटीओ कार्यालय में हररोज लोगों की भीड़भाड़ रहती है। परिसर में पुराने अभिलेख भी रखे रहते हैं। कार्यालय में जाने के लिए पतली गली ही रास्ता है। इसी गली से होकर अभिसूचना कार्यालय, निर्वाचन कार्यालय, सहायक महानिरीक्षक स्टांप कार्यालय जाने वाले लोग पूरे दिन निकलते हैं। परिसर के किसी भी कार्यालय में आग बुझाने के लिए उपकरण नहीं लगे हैं।
जिला पूर्ति कार्यालय
कलक्ट्रेट परिसर से अवाबाग कॉलोनी की ओर जाने वाली सड़क किनारे जिला पूर्ति कार्यालय है। कार्यालय में जिले भर से नए राशन कार्ड बनवाने, राशन कार्ड में यूनिट कटवाने, शामिल कराने, राशन डीलर की शिकायत करने लोग पहुंचते हैं। कार्यालय के कमरों में लोगों की भीड़ मौजूद रहती है। आग लगने की स्थित में कार्यालय परिसर में बचाव के इंतजाम नहीं हैं।
नगर पालिका कार्यालय
शहर में घंटाघर चौराहे के पास नगर पालिका कार्यालय स्थित है। नगर पालिका परिसर के जमीनी तल और प्रथम तल पर दुकानें संचालित हैं। दूसरे तल पर नगर पालिका कार्यालय है। नगर पालिका कार्यालय तक पहुंचने के लिए दो जीने चढ़ना पड़ता है। नगर पालिका कार्यालय के किसी भी कक्ष में आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र नहीं लगाए गए हैं।
सरकारी कार्यालयों में अग्निशमन यंत्र लगाना जरूरी है। इस संबंध में शासन के निर्देश भी हैं। अगर किसी कार्यालय में अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हैं तो जानकारी कराई जाएगी। संबंधित विभाग अथवा कार्यालयाध्यक्ष को पत्र भी लिखा जाएगा।
यदुनाथ सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी
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मैनपुरी। लखनऊ के होटल में दो सप्ताह पहले हुई अग्निकांड की घटना को जिले के अफसर भूल गए हैं। शायद इसीलिए अब जिले में किसी भी तरह का अभियान नहीं चल रहा है। होटल और रेस्टोरेंट आज भी बिना आग बुझाने के इंतजामों के ही चल रहे हैं। हादसे के वक्त अफसरों ने कुछ निजी प्रतिष्ठान तो चेक किए, लेकिन सरकारी दफ्तरों पर ध्यान नहीं दिया। जिले के अधिकांश सरकारी दफ्तरों में आग बुझाने के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं।
सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में आपात स्थिति से निपटने के लिए आग बुझाने के इंतजाम होने चाहिए। जिले के अधिकांश सरकारी दफ्तरों में अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हुए हैं। जहां लगे हैं, वहां कर्मचारियों को उन्हें इस्तेमाल करना नहीं आता है। ऐसा तब है, जब लखनऊ के होटल में हुई अग्निकांड की घटना के बाद शासन ने सावधानी बरतने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। लखनऊ के एक होटल में लगी आग के बाद शासन के निर्देश पर शहर में भी अभियान चलाया गया था। अधिकारियों की टीम ने दो दिन तक चलाए गए अभियान में निजी प्रतिष्ठान तो चेक किए, लेकिन सरकारी कार्यालयों में आग लगने पर आपात स्थिति से निपटने के लिए इंतजामों पर ध्यान ही दिया है।
एआरटीओ कार्यालय
कलक्ट्रेट परिसर में बने एआरटीओ कार्यालय में हररोज लोगों की भीड़भाड़ रहती है। परिसर में पुराने अभिलेख भी रखे रहते हैं। कार्यालय में जाने के लिए पतली गली ही रास्ता है। इसी गली से होकर अभिसूचना कार्यालय, निर्वाचन कार्यालय, सहायक महानिरीक्षक स्टांप कार्यालय जाने वाले लोग पूरे दिन निकलते हैं। परिसर के किसी भी कार्यालय में आग बुझाने के लिए उपकरण नहीं लगे हैं।
जिला पूर्ति कार्यालय
कलक्ट्रेट परिसर से अवाबाग कॉलोनी की ओर जाने वाली सड़क किनारे जिला पूर्ति कार्यालय है। कार्यालय में जिले भर से नए राशन कार्ड बनवाने, राशन कार्ड में यूनिट कटवाने, शामिल कराने, राशन डीलर की शिकायत करने लोग पहुंचते हैं। कार्यालय के कमरों में लोगों की भीड़ मौजूद रहती है। आग लगने की स्थित में कार्यालय परिसर में बचाव के इंतजाम नहीं हैं।
नगर पालिका कार्यालय
शहर में घंटाघर चौराहे के पास नगर पालिका कार्यालय स्थित है। नगर पालिका परिसर के जमीनी तल और प्रथम तल पर दुकानें संचालित हैं। दूसरे तल पर नगर पालिका कार्यालय है। नगर पालिका कार्यालय तक पहुंचने के लिए दो जीने चढ़ना पड़ता है। नगर पालिका कार्यालय के किसी भी कक्ष में आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र नहीं लगाए गए हैं।
सरकारी कार्यालयों में अग्निशमन यंत्र लगाना जरूरी है। इस संबंध में शासन के निर्देश भी हैं। अगर किसी कार्यालय में अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हैं तो जानकारी कराई जाएगी। संबंधित विभाग अथवा कार्यालयाध्यक्ष को पत्र भी लिखा जाएगा।
यदुनाथ सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी
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