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कांग्रेस पर नेहरू का वर्चस्व
– फोटो : अमर उजाला
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कभी कांग्रेस के स्तंभ रहे जेबी कृपलानी ने चुनाव के लिए कम्युनिस्टों से हाथ मिला लिया था। महात्मा गांधी के कट्टर समर्थक कृपलानी कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेसी आंदोलन का हिस्सा भी बने। वह जवाहर लाल नेहरू के कड़े आलोचक थे। कांग्रेस पर नेहरू वर्चस्व के कारण ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।
1946 में जेबी कृपलानी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। जीवटराम भगवानदास कृपलानी ने 1951 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने कुछ साथियों के साथ मिलकर 1952 में किसान मजदूर प्रजा पार्टी का गठन किया। वह इसके मुख्य कर्ता धर्ता बन गए। उस वक्त कांग्रेस ही प्रमुख पार्टी थी। कम्युनिस्ट पार्टी उस समय दूसरे नंबर की पार्टी थी। उस वक्त रूस में स्टालिन सत्ता में थे।
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