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नरी सेमरी देवी मंदिर में लट्ठ पूजा
– फोटो : अमर उजाला
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कान्हा की नगरी मथुरा में कई मंदिर हैं। हर मंदिर की अपनी एक अलग विशेषता है। इनमें नरी सेमरी देवी मंदिर अपनी अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां देवी के दर्शन करने के लिए चैत्र शुक्ल नवमी के दिन सैकड़ों श्रद्धालु तलवार, भाले बल्लम लाठी आदि हथियार लेकर आते हैं और जबरन दर्शन कर प्रसाद लूटने का प्रयास करते हैं। लोग बताते हैं कि पूर्व अनूठी परंपरा सदियों से चली आ रही है।
छाता तहसील के नरी सेमरी स्थित देवी मंदिर पर चैत्र नवरात्र में एक बार फिर सदियों पुरानी परंपरा जीवंत हुई। बुधवार को नरी सेमरी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं ने लट्ठों से देवी मां की पूजा-अर्चना की। पूजा के लिए नरी व आसपास के हजारों लोग मंदिर में लट्ठ पूजा में शामिल हुए। उन्होंने लाठी-डंडे चलाकर अपने शौर्य का प्रदर्शन किया।
लट्ठ पूजा को देखते हुए पुलिस ने भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे। इस बार श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा गया। जादौ ठाकुर लट्ठ पूजा को पहुंचे। सबसे पहले सांखी ग्राम पंचायत के लोग घोड़ी नचाते, सजधज कर तथा हाथों में लाठियां लेकर लट्ठ पूजा को चले। सबसे आगे बैंडबाजे पर युवक थिरकते चल रहे थे। झूला वाले की जय, देवी मैया की जय के जयकारों से क्षेत्र गुंजायमान हो रहा था।
उन्होंने मंदिर में पहुंचते ही लाठियां बरसाना शुरू कर दिया। उनकी पूजा के बाद नरी गांव के देवी भक्तों ने बड़े जोश और उत्साह के साथ हाथों में लट्ठ लेकर देवी मां की पूजा की। मेला प्रशासन को नरी ग्राम के ग्रामीणों के आने की सूचना मिली, वैसे ही लट्ठ पूजा को जाने वाले मुख्य मार्ग एवं मंदिर परिसर भी श्रद्धालुओं से खाली करा दिया। नरी गांव के ग्रामीण हाथों में लट्ठ लेकर मंदिर में देवी मां के गगनभेदी जयकारे लगाते हुए बड़े ही उत्साह के साथ शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे। लट्ठ पूजा के लिए मेला प्रशासन द्वारा विशेष इंतजाम किए गए।
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